सीना छप्पन इंच का, दिखला दो श्रीमान।।
सम्मुख पाकिस्तान के, क्यों होते मजबूर।
आतंकी नापाक का, कर दो दूर गुरूर।।
सम्बन्धों के तार जब, सभी गये हैं टूट।
बैरी पाकिस्तान को, फिर क्यों देते छूट।।
जितनी की थीं सन्धियाँ, सभी करो अब भंग।
दब्बू बनना है नहीं, कूटनीति का अंग।।
छोटे-मोटे वार से, अब न चलेगा काम।
अब तो पाकिस्तान का, कर दो काम तमाम।।
नक्शे पर से मेट दो, अब तो पाकिस्तान।
आज रियाया माँगती, पूरा हिन्दुस्तान।।
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शनिवार, 22 सितंबर 2018
दोहे "कर दो दूर गुरूर" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
सामयिक दोहे
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे।
जवाब देंहटाएंसम्बन्धों के तार जब, सभी गये हैं टूट।
जवाब देंहटाएंबैरी पाकिस्तान को, फिर क्यों देते छूट।।
संबंधों की द्रोपदी कब की हो गई नग्न
नक़्शे पर से ग्लोब के करो पाक को भग्न।
छोड़ सुदर्शन चक्र को करो पाक को भग्न।
veerusa.blogspot.com