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बहुत ही सुंदर समीक्षा की है आदरनीयआपने। मैं कृतज्ञ हूँ कि मुझ अकिंचन को आप जैसे सिद्धसत साहित्यकार का आशीररवाद मिल सका। भविष्य
जवाब देंहटाएंमें भी मुझे आपका मार्ग दर्शन मिलता रहेगाऐसा मेरा विश्वास है। ह्रदय से आपका आभार
सुगठित एवं प्रासंगिक समीक्षा
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (27-04-2019) "परिवार का महत्व" (चर्चा अंक-3318) को पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
--अनीता सैनी
आदरणीया महाजन मैम आप को इस सारगर्भित कृति के लिए बधाई और शुभकामनाएं आप के लेखन की निरंतरता और निर्मलता सदा बनीं रहे यही भाव आपके व्यक्तित्व को परिलक्षित और परिभाषित करते हैं ।
जवाब देंहटाएंआप का ईश्वर के प्रति विश्वास आपको सरलता प्रदान करता है ।
सादर, सस्नेह।
सोनम यादव गाजियाबाद महानगर
सुंदर विवेचण।
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