जनता ने युवराज को, फिर से दिया नकार।
जोर-शोर से आ गयी, मोदी की सरकार।।
काँगरेस के जब तलक, पप्पू हैं अध्यक्ष।
सबल नहीं होगा कभी, काँगरेस का पक्ष।।
जनता जिसको चाहती, उसको मिलता ताज।
जिसमें हो गम्भीरता, वो ही करता राज।।
जिसका होता देश में, पाक-साफ किरदार।
सत्ता-शासन का वही, होता है हकदार।।
नीयत में होता नहीं, जिसकी कोई खोट।
मिलते आम चुनाव में, उसको ज्यादा वोट।।
दशकों से दिल में रहा, जिनके भारी बैर।
जनता खूब समझ गयी, मतलब की यह सैर।।
लोकतन्त्र में हो गये, अब सम्पन्न चुनाव।
डूब गयी मझधार में, ठगबन्धन की नाव।।
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शनिवार, 25 मई 2019
दोहे "मोदी की सरकार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26 -05-2019) को "मोदी की सरकार"(चर्चा अंक- 3347) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
सामयिक रचना
जवाब देंहटाएंसामायिक विषय पर शानदार दोहे।
जवाब देंहटाएं