सहन करोगे कब तलक,
चूहों की ललकार।
अब तो पाकिस्तान
से, बदला लो सरकार।।
सीना छप्पन इंच
का, कहाँ गया श्रीमान।
सीधे-सीधे युद्ध
का, कर दो अब ऐलान।।
नीच कर्म पर जो
कभी, करता नहीं विचार।
उसके प्रति है
किसलिए, चौकीदार उदार।।
केवल निन्दा से
नहीं, आज चलेगा काम।
पापी पाकिस्तान
का, कर दो काम तमाम।।
भारत माता कर रही,
कब से यही पुकार।
पूरे पाकिस्तान
पर, करलो अब अधिकार।।
अपनी ताकत का करो,
अब प्रयोग भरपूर।
झगड़ा खुद कश्मीर
का, हो जायेगा दूर।
गिरगिट जैसे जो
सदा, बदल रहा हो रंग।
दिखला दो रणक्षेत्र
में, उसको अपने ढंग।।
|
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शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019
दोहे "बदला लो सरकार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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