फेसबूक पर आ गये, अब तो सारे मित्र।
हिन्दी ब्लॉगिंग की हुई, हालत बहुत विचित्र।१।
लगा रहे हैं सब यहाँ, अपने मन के चित्र।
अच्छे-अच्छों का हुआ, दूषित यहाँ चरित्र।२।
बेगाने भी कर रहे, अपनेपन से बात।
अपने-अपने ढंग से, मचा रहे उत्पात।३।
लेकिन ब्लॉगिंग में नहीं, फेसबुकी आनन्द।
बतियाने के रास्ते, वहाँ सभी हैं बन्द।४।
लिखते ही पाओ यहाँ, टिप्पणियाँ तत्काल।
टिप्पणियों को तरसते, ब्लॉग हुए बेहाल।५।
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ब्लॉक नहीं होता कभी, ब्लॉगिंग का संसार।
धैर्य और गम्भीरता, ब्लॉगिंग का आधार।६।
ब्लगिंग देती वो मज़ा, जैसा दे सत्संग।
यहाँ डोर मजबूत है, ऊँची उड़े पतंग।७।
इन्द्रधनुष से हैं यहाँ, प्यारे-प्यारे रंग।
ब्लॉगिंग में चलते नहीं, नंगे और निहंग।८।
लेख और रचनाओं को, गूगल रहा सहेज।
समझदार करते नहीं, ब्ल़गिंग से परहेज।९।
भले चलाओ फेसबुक, ओ ब्लॉगिंग के सन्त।
मगर ब्लॉग के क्षेत्र का, कभी न होगा अन्त।१०।
पहले लिक्खो ब्लॉग में, रचनाएँ-आलेख।
ब्लॉगिंग के पश्चात ही, फेसबूक को देख।११।
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शनिवार, 27 दिसंबर 2014
"दोहे-ब्लॉगिंग के पश्चात ही, फेसबूक को देख" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बहुत सुन्दर सुन्दर कहा है आपके ब्लोगिंग धैर्य और गंभीरता चाहिए !
जवाब देंहटाएंभूलना चाहता हूँ !
बहुत सुन्दर सुन्दर कहा है आपने ,ब्लोगिंग में धैर्य और गंभीरता चाहिए !
जवाब देंहटाएंसटीक ।
जवाब देंहटाएंकल 28/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
जवाब देंहटाएंब्लगिंग देती वो मज़ा, जैसा दे सत्संग।
यहाँ डोर मजबूत है, ऊँची उड़े पतंग।
बहुत सुन्दर
भले चलाओ फेसबुक, ओ ब्लॉगिंग के सन्त।
जवाब देंहटाएंमगर ब्लॉग के क्षेत्र का, कभी न होगा अन्त।
पहले लिक्खो ब्लॉग में, रचनाएँ-आलेख।
ब्लॉगिंग के पश्चात ही, फेसबूक को देख।
..बिलकुल सही ..ब्लॉग वाली बात फेसबुक में नहीं हो सकती कभी .....
बहुत सुन्दर प्रेरक रचना ..
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंगक का विकल्प फेसबुक नहीं हो सकता.
अति सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसंसार में सब कुछ अच्छा ही अच्छा है।
सोच अच्छी है तो सब कुछ अच्छा ही दिखाई देगा।
...आनन्द विश्वास
सामयिक चर्चा है.
जवाब देंहटाएंलेख और रचनाओं को, गूगल रहा सहेज।
समझदार करते नहीं, ब्ल़गिंग से परहेज।।
वाकई ब्लागिंग का अपना ही अलग महत्व है.
बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहे, फेसबुक ब्लॉग का विकल्प नही हो सकता फिर भी लोगो का झुकाव फेसबुक के तरफ ज्यादा है।
जवाब देंहटाएंसही बात कही
जवाब देंहटाएंआह। आनंद आ गया, रोचक कविता।
जवाब देंहटाएं