जो तन-मन की हरता पीरा।
वो ही कहलाता है खीरा।।
चाहे इनका रस पी जाओ।
आधा कड़ुआ, आधा मीठा।
संकर खीरा हरा पपीता।।
उनको देशी खीरे कहते।।
ये अन्दर से होते कच्चे।
होते बहुत स्वाद में अच्छे।।
खीरे को भी करना याद।।
खीरे गर्मी में वरदान।
इनके गुण को लो पहचान।।
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मंगलवार, 5 मई 2015
"गर्मी में खीरा वरदान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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