--1--देश-दुनिया में पसरा हुआ हर्ष हो,देशभक्ति के ज़ज़्बे का
उत्कर्ष हो।धानी धरती हमेशा रहे उर्वरा,
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नववर्ष मंगलमय हो सभी के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनववर्ष की यही मंगलकामनाएं करते हैं कि ....
नव वर्ष में नव पहल हो
कठिन जीवन और सरल हो
नए वर्ष का उगता सूरज
सबके लिए सुनहरा पल हो
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०२-०१-२०२१) को 'जीवन को चलना ही है' (चर्चा अंक- ३९३४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंसादर नमन 🙏🏻
सिक्कों में नहीं बिकेंगे मन,
सत्ता ढोयेंगे पावन जन,
अब नहीं चलेंगी वक्र-चाल।
आया है फिर से नया साल।।
हठयोगी, पण्डे और ग्रन्थी,
हिन्दू-मुस्लिम, कट्टरपन्थी,
अब नहीं बुनेंगे धर्म-जाल।
आया है फिर से नया साल।।
इन मानवतावादी पंक्तियों के प्रति साधुवाद 🙏🏻
नववर्ष में यही आशा है कि विगत की कटुताओं से देश को, समाज को मुक्ति मिले और चहुंओर हर्ष, उमंग की बारिश हो 💐🌹💐
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असीम शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन....नूतन वर्ष की हार्दिक बधाई....
जवाब देंहटाएंसिक्कों में नहीं बिकेंगे मन,
जवाब देंहटाएंसत्ता ढोयेंगे पावन जन,
अब नहीं चलेंगी वक्र-चाल।
आया है फिर से नया साल।।
हठयोगी, पण्डे और ग्रन्थी,
हिन्दू-मुस्लिम, कट्टरपन्थी,
अब नहीं बुनेंगे धर्म-जाल।
आया है फिर से नया साल।।
वाह!
उत्तम रचना।
नववर्ष की अशेष शुभकामनाओं के साथ।
सादर।