गीतकार नीरज तुम्हें, नमन हजारों बार।।
स्वप्न झर गये फूल से, लुटा साज-शृंगार।
आँगन से वटवृक्ष का, मिटा आज आकार।।
दया नहीं करता कभी, क्रूर काल का पाश।
नीरज बिन सूना हुआ, हिन्दी का आकाश।।
आज शोक सन्तप्त है, हिन्दी का प्रासाद।
नीरज जी को कर रहे, हिन्दी प्रेमी याद।।
जीवनभर जिसने किया, हिन्दी का ही काम।
अमर रहेगा युगों तक, उस नीरज का नाम।।
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शुक्रवार, 20 जुलाई 2018
"गीतकार नीरज तुम्हें, नमन हजारों बार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नीरज जी की याद में लाजवाब दोहे ... एक दोहामय श्रधांजलि ....
जवाब देंहटाएंनमन है मेरा ....
Wah .Kya baat hsi
जवाब देंहटाएंनमन🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएं*नीरज को श्रद्धांजलि*
जवाब देंहटाएंपद्मविभूषण तुम कह लेना, हम तो भारत रत्न कहेंगे
नीरज के गीतों की गंगा, जिधर बहा ले उधर बहेंगे।
*अरुण कुमार निगम*
नीरज जी को हार्दिक श्रद्धांजलि!
नीरजजी को समर्पित सुन्दर दोहे
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