पश्चिम का प्रणय सप्ताह
ढोंग-दिखावा दिवस
हैं, पश्चिम के सब वार।
रोज बदलते है जहाँ, सबके ही दिलदार।।
--
सबसे अच्छा विश्व
में, अपना भारत देश।
नैसर्गिक अनुभाव के, सजे यहाँ परिवेश।।
--
कामुकता-अश्लीलता, बढ़ती जग में आज।
इसके ही कारण हुआ, दूषित देश समाज।।
--
एक दिवस की
प्रतिज्ञा, एक दिवस का प्यार।
एक दिवस का चूमना, पश्चिम के किरदार।।
--
प्रतिदिन करते
क्यों नहीं, प्रेम-प्रीत-व्यवहार।
एक दिवस के लिए
क्यों, चुम्बन का व्यापार।।
रोज-डे (गुलाबदिवस)
प्रथम दिवस है
रोज-डे, बाँट रहा मुस्कान।
पी लेता है दर्द
को, कभी न होता म्लान।।
प्रपोज-डे (प्रस्तावदिवस)
दूजा दिन प्रस्ताव
का, होता प्यारे मित्र।
पश्चिमवालों की
प्रथा, होती बहुत विचित्र।।
चॉकलेट-डे
मीठी सी सौगात दे,
बढ़ो प्रणय की राह।
चॉकलेट देकर करो,
मधुर मिलन की चाह।।
टैडी-डे
चौथा दिन
टैडी-दिवस, खेलो मन के खेल।
साथी से कर लीजिए,
अपने मन का मेल।।
प्रॉमिज-डे (प्रस्तावदिवस)
प्रण करने के
वास्ते, पंचम दिन का योग।
सदा प्रतिज्ञा में
बँधो, होगा नहीं वियोग।।
--
प्रतिज्ञा के दिवस
पर, मत देना सन्ताप।
चमक-दमक की भीड़
में, बिछड़ न जाना आप।।
--
बेमन से देना नहीं, वचन किसी को मित्र।
जिसमें तुम रँग भर
सको, वही बनाना चित्र।।
हग-डे (आलिंगनदिवस)
आलिंगन के दिवस
में, करना मत उत्पात।
कामुकता को देखकर, बिगड़
जायेगी बात।।
किस-डे (चुम्बनदिवस)
चुम्बन का दिन आ
गया, कर लो सच्चा प्यार।
बिना दाम के जो
मिले, चुम्बन वो उपहार।।
--
जीवन के संग्राम को, समझ न लेना खेल।
जीवनसाथी से सदा, रखना हरदम मेल।।
वैलेण्टाइन-डे (प्रेमदिवस)
प्रेम दिवस पर लीजिए, व्रत जीवन में धार।
पल-पल-हर पल कीजिए, सच्चा-सच्चा प्यार।।
--
एक दिवस के वास्ते, उमड़ा भीषण प्यार।
प्रणय दिवस के बाद
में, बढ़ जाता तक़रार।।
--
पूरे जीवन प्यार का, उतरे नहीं खुमार।
जीवनसाथी से सदा, करना
ऐसा प्यार।।
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सोच-समझकर थामना, अनजाने का हाथ।
जीवनसाथी से बँधा, जीवनभर का साथ।।
|
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शनिवार, 8 फ़रवरी 2014
"प्रणय सप्ताह के दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंसभी दोहे एक से बढकर एक ...
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक
बहुत अच्छे दोहे..
जवाब देंहटाएंवाह -वाह...क्या बात है...
जवाब देंहटाएंआप तथा सभी मित्रों को वसंत-मॉस की हृदयात मधुर वधाइयां ! सब को चहेतों से मीठा मीठा प्यार मिओलता रहे !
जवाब देंहटाएंदोहे सटीक भी हैं तथा भारतीयता के समावेश से युक्त भी |
जवाब देंहटाएंअलग तेवर के दोहे
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे...
जवाब देंहटाएं:-)
ज़रा नज़रों से कहदो जी निशाना चूक न जाए -
जवाब देंहटाएंताक के मारा है शाश्त्रीजी ने इंस्टेंट प्रेमियों पर निशाना यार कॉफी के या फिर टॉफी के रैपर और प्रेम मिलन में कुछ तो फर्क हो ये क्या बात स्वीट डिश खाई रैपर फैंक दिया।
nahle par dahle jaisi rachna... :)
जवाब देंहटाएंबड़ा ही विचित्र वर्ष बना दिया है...
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