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मंगलवार, 10 मार्च 2009
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बहुत अच्छी कविता.
जवाब देंहटाएंइसे पढ़कर बाबा नागार्जुन की कविता .आए दिन बहार के' की याद आ गई .
बधाई !
bilkul sahi kaha aapne........satya ko vyakt karti rachna.
जवाब देंहटाएंखेलो रंग हमारे संग,
जवाब देंहटाएंप्यार की भर लाओ पिचकारी,
बधाई।
समसामयिक सन्देश
जवाब देंहटाएंके लिए बधाई।
वर्तमान लोकतन्त्र का
जवाब देंहटाएंअच्छा चित्र प्रस्तुत किया है।
होली की मुबारकवाद।
अच्छा सन्देश देते मुक्तक।
जवाब देंहटाएंहोली की बधाई।
अच्छा चित्र प्रस्तुत किया है।
जवाब देंहटाएंहोली की बधाई।
होली की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसन्देश के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंहोली की मुबारकवाद।