यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान।
भइया का यमदेवता, करना शुभ-कल्याण।।
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भाई बहन के प्यार का, भइया-दोयज पर्व।
अपने-अपने भाई पर, हर बहना को गर्व।।
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तिलक दूज का कर रहीं, सारी बहनें आज।
सभी भाइयों के बने, सारे बिगड़े काज।।
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रोली-अक्षत-पुष्प का, पूजा का ले थाल।
बहन आरती कर रही, मंगल दीपक बाल।।
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एक बरस में एक दिन, आता ये त्यौहार।
अपनी रक्षा का बहन, माँग रही उपहार।।
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जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक जीवित प्यार।
दौलत से मत तोलना, पावन प्यार-दुलार।।
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शनिवार, 25 अक्टूबर 2014
"भइयादूज पर्व-दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सुंदर दोहे ।
जवाब देंहटाएंभाई दूज की असीम शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंभाई बहन के प्यार से सजे सुन्दर दोहे !
जवाब देंहटाएंभैया दूज की हार्दिक बधाई !
सादर !
बहुत सुन्दर दोहे...भाई दूज की हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे... आप को मेरी ओर से....भाई दूज की हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे… बधाई
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