नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान । सारे जग से न्यारा अपना , है गणतन्त्र महान ॥
चन्दा , सूरज से उजियारा,
संविधान हम सबको प्यारा ।
आन -बान और शान हमारी ,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा ।
प्रजातंत्र पर भारत वाले करते हैं अभिमान ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतन्त्र महान ॥
शीश मुकुट हिमवान अचल है ,
सुंदर -सुंदर ताजमहल है ।
गंगा - यमुना और सरयू का -
पग पखारता पावन जल है ।
प्राणों से भी मूल्यवान है हमको हिन्दुस्तान ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतन्त्र महान ॥
स्वर भर कर इतिहास सुनाता ,
महापुरुषों से इसका नाता ।
गौतम , गांधी , दयानन्द की ,
प्यारी धरती भारतमाता ।
यहाँ हुए हैं पैदा नानक , राम , कृष्ण , भगवान् ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतन्त्र महान ॥
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सोमवार, 26 जनवरी 2015
"गणतन्त्र महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गणतन्त्र की सुन्दर महिमामयी प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.. .।
bahut badhiya...
जवाब देंहटाएं