नभ पर छायी है घटा, ठिठुर रहा है गात।
नये साल के साथ में, आयी ये सौगात।१।
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बारिश को होते हुए, भये तीन दिन बीत।
अच्छे दिन क्या आयेंगे? बरस रहा है शीत।२।
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रोता बालक दूध बिन, भूखा है मजदूर।
नये साल में आदमी, हुआ मजे से दूर।३।
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बर्फ पहाड़ों पर गिरी, मौसम की है मार।
सड़कें भी सुनसान है, बन्द पड़े बाज़ार।४।
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याद सभी को आ रहे, अब तो बीते वर्ष।
नये-नये इस वर्ष में, कब आयेगा हर्ष।५।
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मन से था स्वागत किया, तेरा नूतन साल।
बदलेंगे हालात कब, सुधरेंगे कब हाल।६।
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गेंहूँ के बिरुए करें, अपनी करुण पुकार।
मालिक अब मत दीजिए, हमको ये उपहार।७।
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आशाएँ हैं बलवती, मन में है विश्वास।
कृष्ण पक्ष के बाद में, होगी धवल उजास।८। |
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शनिवार, 3 जनवरी 2015
"दोहाष्टक-नूतन वर्षःअच्छे दिन...?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)
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बहुत सुंदर दोहे.
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : एक और वर्ष बीत गया
आपको नव वर्ष 2015 सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंकल 04/जनवरी/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
नव वर्ष के सुन्दर दोहे.,,,,
जवाब देंहटाएंनये वर्ष की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर दोहे
जवाब देंहटाएंशुभकामना
सुंदर दोहे
जवाब देंहटाएंVERY NICE TOPIC DEAR KEEP GOING SUPERB
जवाब देंहटाएंwww.homebasedjob.biz get daily free home based jobs
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