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अचरज में है हिन्दुस्तान!!
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अनुपम भाव लिये बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंवास्तविक चित्र खिचते हुए बेहतरीन रचना -बहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट 'संस्कृति का संक्रमण'
हिन्दुस्तान सच में अचरज में है
जवाब देंहटाएंअपने समय से संवाद करती बेहतरीन रचना गेय गीत .आभार हमें चर्चा मंच में बिठाने के लिए .
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढिया जी
जवाब देंहटाएंसब नीरो हैं नीरो
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया..मेरे दोनो ब्लाग मे आप की प्रतीक्षा है...आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंमानवता-मर्यादा घुटती खादी के बानों मे,
अबलाओं की लज्जा लुटती सरकारी थानों में,
खादी, खाकी की केंचुलियाँ, नष्ट करो भगवान!
अचरज में है हिन्दुस्तान!
अचरज में है हिन्दुस्तान!!