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अपने भारत देश में, कहाँ खो गया प्यार।
बात-बात पर हो रहा, आपस में तकरार।१।
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पोथी-पतरों में निहित, जीवन के सन्देश।
भूल गये हैं लोग अब, ऋषियों के उपदेश।२।
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आज विदेशी बोलियाँ, लोग रहे हैं बोल।
अपनी गठरी छोड़कर, उनकी रहे टटोल।३।
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देशभक्ति का हो रहा, धीरे-धीरे ह्रास।
ऐसी हालत देखकर, मन हो रहा उदास।४।
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उग्रवादियों को रहे, जेलों से वो छोड़।
केशर-क्यारी में लगा, आज भयानक कोढ़।५।
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करते भगवा रंग पर, जो थे गर्व-गुमान।।
वो भी सत्ता-मोह में, भूल गये अभिमान।६।
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मुफ्ती को शासक बना, करी भयंकर भूल।
संविधान की देश के, हिला रहा वो चूल।७।
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अपने निर्णय पर करो, मोदी पुनः विचार।
अब जम्मू-कश्मीर की, ध्वस्त करो सरकार।८।
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जल्दी से कर दीजिए, इस शासन का अन्त।
देशद्रोह
का मुकदमा, दायर करो तुरन्त।९। |
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सोमवार, 9 मार्च 2015
"दोहे-अब जम्मू-कश्मीर की, ध्वस्त करो सरकार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर.कारवाई तो होनी ही चाहिए.
जवाब देंहटाएंकरते भगवा रंग पर, जो थे गर्व-गुमान।।
जवाब देंहटाएंवो भी सत्ता-मोह में, भूल गये अभिमान।६।
जल्दी से कर दीजिए, इस शासन का अन्त।
देशद्रोह का मुकदमा, दायर करो तुरन्त।९।
...सत्ता का मोह छोड़ देशहित सबसे पहले ...
बहुत सटीक सामयिक चिंतन प्रस्तुति
देशभक्ति का हो रहा, धीरे-धीरे ह्रास।
जवाब देंहटाएंऐसी हालत देखकर, मन हो रहा उदास। bhawon se bharpoor
बहुत ही सुन्दर, सटीक और सामयिक दोहे ..
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