सज्जनता का ओढ़ लबादा,
घूम रहे शैतान!
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
द्वारे-द्वारे देते दस्तक,
टेक रहे हैं अपना मस्तक,
याचक बनकर माँग रहे हैं,
ये वोटों का दान!
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
कोई अपना हाथ दिखाता,
कोई हाथी के गुण गाता,
कोई खुशी के कमल खिलाता,
कोई घड़ी का समय बताता,
अब झाड़ू से भय खाते हैं,
ये प्राचीन निशान!
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
जीवन भर गद्दारी करते,
भोली जनता का मन हरते,
मक्कारी से कभी न डरते,
फर्जी गणनाओं को भरते,
खर्च करोड़ों का करते हैं,
ये हैं बे-ईमान।
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
सोच-समझकर बटन दबाना,
इनके झाँसे में मत आना,
घोटाले करने वालों को,
कभी न कुर्सी पर बैठाना,
मत देने से पहले,
लेना सही-ग़लत पहचान!
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
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मंगलवार, 17 जनवरी 2017
गीत "सोच-समझकर बटन दबाना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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