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रविवार, 28 नवंबर 2010
"आपको शत नमन!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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26 saal pehle likha zarur hai lekin taazagi aaj ki lagti hai!
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर रचना प्रस्तुति के लिए आपको सादर नमन करता हूँ ... बढ़िया रचना प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंअरे वाह, बहुत सुन्दर है..
जवाब देंहटाएंbahut sunder.
जवाब देंहटाएंsunder kavita ke liye aapko naman.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया स्वागत गीत....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गीत ...
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
जवाब देंहटाएंहर शब्द में स्वागतीय उत्साह है।
जवाब देंहटाएंबधाई हो शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा स्वागत गान है।
यह जादू आपकी लेखनी ही बिखेर सजती है।
वाह ये तो नई जानकारी रही मेरे लिए. न जाने कितने अध्यापक आज इस बात को जानते होंगे कि यह कालजयी रचना आपकी है. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और उत्साहवर्धक स्वागत गीत्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर स्वागत गीत लिखा है आपने! बधाई!
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत !
जवाब देंहटाएंअत्यंत ही सुंदर और सशक्त, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बेहद सुन्दर गीत!
जवाब देंहटाएंसादर
स्वागत गीत स्वागत योग्य है ...संग्रहणीय भी !
जवाब देंहटाएं