रम रहा सब जगह राम है। ये धरा राम का धाम है।। सच्चा-सच्चा लगे, सबसे अच्छा लगे, कितना प्यारा प्रभू नाम है। ये धरा राम का धाम है।। नाम जप लो अभी, राम भज लो सभी, लगता कोई नहीं दाम है। ये धरा राम का धाम है।। वो खुदा-ईश्वर, सबको देता है वर, वो ही रहमान है श्याम है। ये धरा राम का धाम है।। वो अजर है अमर, सब जगह उसका घर, सबके करता सफल काम है। ये धरा राम का धाम है।। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
शनिवार, 3 दिसंबर 2011
‘‘सब जगह राम है’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
कण कण में भगवान बसा है।
जवाब देंहटाएंबहुत भक्तिमय प्रस्तुति...जय श्री राम
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंनिराला अंदाज |
बधाई ||
badhiya
जवाब देंहटाएंसब तरफ राम ही राम..राममयी सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंJAI SHREE RAM .AABHAR
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ………राममय हो गये।
जवाब देंहटाएंकण कण राम का
जवाब देंहटाएंकण कण में राम
सुन्दर रचना सर...
सादर...
"मोको कहाँ खोजे रे बन्दे में तो तेरे पास रे" शायद यही भाव आपकी कविता में निहित है सारगर्भित पोस्ट | आशा है कि आगे भी ज्ञानवर्धक बातें पढने मिलेंगी|
जवाब देंहटाएंरूप जी आपका यह रंग भी अच्छा लगा। जय श्रीराम!
जवाब देंहटाएंबिनु विश्वास भगति नहिं, तेहि बिनु द्रवहिं न राम।
राम कृपा बिनु सपनेहुं, जीवन लह विश्राम ।।
खूबसूरत राम मय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंये धरा राम का धाम है।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
आप पोस्ट लिखते है तब हम जैसो की दुकान चलती है इस लिए आपकी पोस्ट की खबर हमने ली है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - सिर्फ़ सरकार ही नहीं लतीफे हम भी सुनाते है - ब्लॉग बुलेटिन
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भक्तिमय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंsaty baat hamesha sunder hi hoti hai. satyam...shivam...satyam.
जवाब देंहटाएंभक्ती मय सुंदर प्रस्तुति ,.बधाई ..
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट-जूठन-में आपका इंतजार है
बहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंjay shri ram
जवाब देंहटाएंbahut hi bhaktimay sundar rachana hai..
आप की पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (२०) के मंच पर प्रस्तुत की गई है /कृपया वहां आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप हिंदी भाषा की सेवा इसी लगन और मेहनत से करते रहें यही कामना है / आभार /link
जवाब देंहटाएंhttp://hbfint.blogspot.com/2011/12/20-khwaja-gareeb-nawaz.html
bahut achchi bhaktimay prastuti.sab jagah ram hai sab ke dil me ram hai bhinn bhinn bhaashaon me naam alag hai par ek hi ram hai.
जवाब देंहटाएं