घर के बडे़-बुजुर्गों से जो प्यार नही कर सकता, अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेगा? जो सैनिक काँधे पर खुद हथियार नही धर सकता, वह सीमा पर शत्रु का कैसे संहार करेगा? विद्या से विनम्रता आती, विनय पात्रता सिखलाती, भोजन की थाली पाकर जो उदर नही भर सकता, लालन-पालन वो कैसे पूरा परिवार करेगा? अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेंगा? श्रेष्ठ वही है जो पढ़ता है, ज्ञान बाँटने से बढ़ता है, अभिमानी विद्वान भला कैसे उद्धार करेगा? अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेंगा? धन पा जाना बहुत सुलभ है, सज्जन बनपाना दुर्लभ है, मूरख विद्या देवी की कैसे मनुहार करेगा? अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेंगा? |
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शुक्रवार, 6 नवंबर 2009
"अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेंगा?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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घर के बडे़-बुजुर्गों से जो प्यार नही कर सकता,
जवाब देंहटाएंअनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेग
सुन्दर शास्त्री जी बहुत सुन्दर !!!
घर के बडे़-बुजुर्गों से जो प्यार नही कर सकता,
जवाब देंहटाएंअनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेगा?
in panktiyon ne dil ko chhoo liya hai........
bahut hi sunder rachna........
बहुत बढ़िया रचना - बधाई !
जवाब देंहटाएंजिस घर में बड़े-बुज़ुर्गों का सम्मान नहीं.
जवाब देंहटाएंवो घर भूतों के डेरे से कम नहीं...
जय हिंद...
बहुत सुंदर रचना, आभार आपका.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेगा? शास्त्री जी परमेश्वर से तो दो बात के लिए प्यार किया जाता है एक की हम मांगते हैं और वो देता है दूसरा वो हमारा बुरा भी करता है। लेकिन माता-पिता तो बुरा कर नहीं सकते और यदि गरीब हैं तो कुछ दे भी नहीं सकते फिर उनसे प्यार क्यों करना? विचारणीय पोस्ट, बधाई।
जवाब देंहटाएंबुजुर्ग बुजुर्ग नहीं कवच हैं हमारे।
जवाब देंहटाएंबेहतर भाव लिये भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।
आभार ।
धन पा जाना बहुत सुलभ है,
जवाब देंहटाएंसज्जन बनपाना दुर्लभ है,
मूरख विद्या देवी की कैसे मनुहार करेगा?
अनदेखे परमेश्वर से वो कैसे प्यार करेंगा?
लाख टके की बात कह दी, शास्त्री जी आपने !
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने! अच्छा लगा!
जवाब देंहटाएंधन पा जाना बहुत सुलभ है,
जवाब देंहटाएंसज्जन बनपाना दुर्लभ है,
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अनुभूत सत्य।
बुजुर्गों का करते जो सम्मान नहीं,
जवाब देंहटाएंहोते वे हैवान हैं, इंसान नहीं।
ek ek pankti main gehra saar hai..bhaut sunder.
जवाब देंहटाएंbahut bahut bahut hi sundar aur gyan vardhak rachna......kis kis pankti ki tarif karoon...........har pankti ek nayi sikh deti huyi...........badhayi.
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