इन्दिरा ने बलिदान दिया।
महायज्ञ की आहुति बनकर,
अपना जीवन दान दिया।।
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सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को शत शत नमन !
जवाब देंहटाएंइंदिरा गांधी को शुरुआती दिनों में उनके विरोधी मोम की गुड़िया कहते थे...लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इंदिरा जब छोटी सी बच्ची थीं तो अंग्रेजी सामान के बहिष्कार के आह्वान के तहत उन्होंने अपनी सबसे प्रिय विदेशी गुड़िया को आग के हवाले कर दिया था...ये संयोग ही है कि देश में ज़्यादार बड़े और निर्णायक फैसले इंदिरा के काल में ही लिए गए...एक आपातकाल ज़रूर इंदिरा के यशस्वी करियर पर ग्रहण के समान है...दाग तो चांद पर भी होता है न...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
बहुत ही बेहतरीन शब्द रचना, आभार ।
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi yeh post....
जवाब देंहटाएंबधाई, अखबार के चित्र में आप एकदम नेता जैसे ही दिख रहे है शाश्त्री जी !
जवाब देंहटाएंभूल सुधार : आजकल के जैसे नेता नहीं पुराने वाले नेता !:)
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंआपका व्लॉग देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई!
स्व.इन्दिरा जी को श्रद्धाञ्जलि समर्पित करता हूँ!
bahut hi sundar likha aur sahi kah rahe hain godiyal ji ki aap neta jaise lag rahe hain .
जवाब देंहटाएंपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को शत शत नमन ! लेकिन अंत मै इंदिरा जी ने कुछ गलत फ़ेसले कर दिये थे.... लेकिन आज के नेतओ को सुधारने के लिये ऎसी ही फ़ोलादी दिल वाली नेता चाहिये कोई कल्र्क बाबू नही जो मिन मिनाये
जवाब देंहटाएंशत शत नमन।
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क्या स्टारवार शुरू होने वाली है?
परी कथा जैसा रोमांचक इंटरनेट का सफर।
शास्त्री जी मेरा कमेन्ट छपा नहीं कहाँ गया?
जवाब देंहटाएंप्रियदर्शिनी इन्दिरा नेहरू को स्मरण करते हुए यादों के चिराग ख़ूबसूरती से जलाए हैं। अद्भुत प्रवाह लिए रचना दिलचस्प में विवरण।
जवाब देंहटाएंशत्-शत् प्रणाम
भारत की पूर्व एकमात्र महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को मेरा शत शत नमन और श्रधांजलि! बहुत ही सुंदर रचना है और साथ में अख़बार में आपका तस्वीर देखकर बड़ा अच्छा लगा! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएं" bahut hi acchi post "
जवाब देंहटाएं----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
हम लोगो ने भी याद किया ।
जवाब देंहटाएंसादर नमन।
जवाब देंहटाएं------------------
सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।
पाक पड़ोसी ने दल-बल से,
जवाब देंहटाएंहमला हम पर करवाया।।
दुर्गारूप धरा इन्दिरा ने,
तोपों का मुँह खोल दिया।
करुणा की भोली सूरत ने,
धावा अरि पर बोल दिया।।
किया पराजित रण-भूमि में,
मन्सूबे रह गये धरे।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नमन और श्रधांजलि!
बहुत ही उत्कृष्ट रचना है. इंदिरा गाँधी जी को शत शत नमन.
जवाब देंहटाएं..............बधाई