भारत में रहकर हिन्दी से जिनको प्यार नही है। उनको इस धरती पर रहने का अधिकार नही है।। जितनी भी भाषा-बोली हैं, सब हमको हैं प्यारी। लेकिन देवनागरी भाषा पर, हम सब बलिहारी।। राज ठाकरे के गुर्गों ने, ये कैसा पथ अपनाया? वीर-शिवाजी की सूरत में काला दाग लगाया।। कारा में डालो "मनमोहन" इन ज़ालिम मक्कारों को। सजा मौत की दे दो, इन भारत-माँ के गद्दारों को।। |
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बुधवार, 11 नवंबर 2009
"सजा मौत की दे दो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बेचारे मनमोहन में इतनी ताकत लगती है आपको कि वह यह कदम उठा पायेंगे .
जवाब देंहटाएंकारा में डालो "मनमोहन" इन ज़ालिम मक्कारों को।
जवाब देंहटाएंसजा मौत की दे दो, इन भारत-माँ के गद्दारों को।।
bilkul sahi kaha aapne....
JAI HIND
JAI HINDI
JAI BHARAT....
आपकी भावना का सम्मान है। पर मौत की सजा कुछ ज्यादा है।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया शास्त्री जी !!
जवाब देंहटाएंएकदम दिल की बात कही आपने.
जवाब देंहटाएंजय हिंदी.
वैसे ज्ञानदत्त पांडेय जी की बात भी सही है !!
जवाब देंहटाएंनिर्लज्जता का काम मगर आन बान से
जवाब देंहटाएंखिलबाड़ कर रहे हैं, लोग संविधान से।
जब संविधान से खिलवाड़ हो रही हो तो सज़ा जो प्रस्तावित की गई हे, कुछ क... छोड़िए यह काम भी तो उनका ही है।
कारा में डालो "मनमोहन" इन ज़ालिम मक्कारों को।
जवाब देंहटाएंसजा मौत की दे दो, इन भारत-माँ के गद्दारों को।
अजी कोन सा मन मोहन बांसुरी वाला या फ़िर .....
बहुत सुंदर लिखा आप ने
धीरू सिंह जी!
जवाब देंहटाएंबंशी वाले मनमोहन में बहुत ताकत है!
" bahut hi badhiya .ek dum sahi baat kahi hai aapne magar desh ke gaddaro ki list bahut hi badi hai ."
जवाब देंहटाएं" sabse ahem baat ye hai ki bicchare MANMOHAN ko itani takat kaun dega kya vo kar payenge ? kyu ki unki PARTY ko saath dene wale bhi kuch kum nahi hai ."
" MAGAR FIR BHI AAPNE JO KAHA HAI KAASH VO HO JAYE.to DESH KA AUR HAMARA KISMAT KHUL JAYEGA ."
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
" haaan ye kaam BANSURIWALA manmohan hi kar sakta hai ."
जवाब देंहटाएं----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
जय हिंदी!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया. खूब फ़ैसले की दरकार की है आपने..
जवाब देंहटाएंकारागार में डालने से क्या होगा
जवाब देंहटाएंइनको तो सीधे कुत्तो के आगे डलवाना पड़ेगा
न्याय तभी होगा ,
मौत की सजा नहीं जी जेबकतरों को मिलती है ना 'वो' वाली ठीक रहेगी इन के लिए तो !! अरे वही गधे की पीठ पर उल्टा बैठा कर .......सर पर चौराहा बना कर ........मुह काला कर के घुमाने वाली !
जवाब देंहटाएंभारत में रहकर हिन्दी से जिनको प्यार नही है।
जवाब देंहटाएंउनको इस धरती पर रहने का अधिकार नही है।।
बिल्कुल सही फ़रमाया आपने! मुझे अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व है और सभी को होना चाहिए!
कारा में डालो "मनमोहन" इन ज़ालिम मक्कारों को।
सजा मौत की दे दो, इन भारत-माँ के गद्दारों को।।
वाह आपने सच्चाई को बखूबी शब्दों में पिरोया है! काश आपकी बात सच हो तो हमारा देश और उन्नति करेगा !
बहुत खूब, मेरे मन की बात कह डाली आपने, लेकिन करेगा कौन ? मनमोहन सिंग इज सिक !!
जवाब देंहटाएंअफजल को तो दे नहीं पाए, राज ठाकरे को क्या दे देंगे?
जवाब देंहटाएंबहुत सही बात कही है आपने। एक सौ एक प्रतिशत सहमति।
जवाब देंहटाएं--------
बहुत घातक है प्रेमचन्द्र का मंत्र।
हिन्दी ब्लॉगर्स अवार्ड-नॉमिनेशन खुला है।
भारत में रहकर हिन्दी से जिनको प्यार नही है।
जवाब देंहटाएंउनको इस धरती पर रहने का अधिकार नही है।
जय हिंदी !
कारा में डालो "मनमोहन"
जवाब देंहटाएंइन ज़ालिम मक्कारों को।
सजा मौत की दे दो,
इन भारत-माँ के गद्दारों को।।
bahut hi sahi kaga hai aapne.
BAHOOT ACHA LIKHA HAI ... AISE LOGON KA BAHISHKAAR HONA CHAHIYE ... INKO JITAANE WAALE LOGON KO SOCHNA CHAAHIYE KI KYA KAREN INKE BARE MEIN ...
जवाब देंहटाएंshastri ji,
जवाब देंहटाएंbahut hi karari chot ki hai.............magar ye bhi utna hi bada sach hai ki jab ek aatankvadi ko yahan sazaa nhi mil pati to aur kisi saza ki to ummed hi kya karein.
aapki aisi rachnayein dil ko choo jati hain.