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शनिवार, 28 नवंबर 2009
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दिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
जवाब देंहटाएं"ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद !!
जहाँ में प्यार का सागर, बहाने की जरूरत है।
जवाब देंहटाएंदेशवासियो को "ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद !!
मेरी ओर से भी बहुत बहुत बधाई..बस ये भाई लोग बकरों को न मारें तो मुझ जैसे शाकाहारी को और भी प्रसन्नता होगी..
जवाब देंहटाएं"ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद !
जवाब देंहटाएंसभी को "ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद !!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी , आज यह नहीं कहूँगा की बढ़िया कविता है , आज कहूंगा की बढ़िया चित्र प्रस्तुत किया अपने, इसके लिए आभार !
जवाब देंहटाएंमिलन मोहताज कब है,ईद,होली और क्रिसमस का-
जवाब देंहटाएंदिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
मयंक जी कविता के माध्यम से बहुत सुन्दर संदेश दिया है बधाई। ईदुल-जुहा की मुबारकवाद्
bahut hi sundar sandesh diya hai..........mubarak ho.
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhannywad
जवाब देंहटाएंदिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
जवाब देंहटाएंbahut khub. dil se badhai Dr.shastri saheb.
काजल कुमार:SAHEB aapke nam दिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
जवाब देंहटाएंrati ratai baten bhoolna nahi chahte. puri dunia mansahari hai, aap mat mansahari banen.per dilon men jagah paida karen.
ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद ...बढ़िया चित्र प्रस्तुत किया अपने, इसके लिए आभार !.
जवाब देंहटाएंसभी को ईदुल-जुहा" की मुबारकवाद, ओर यह चित्र बहुत ही सुंदर लगा, लेकिन ऊर्दु मै कया लिखा है कुछ समझ नही आया, कोई बता दे तो उस का शुकरिया
जवाब देंहटाएंमिलन मोहताज कब है,ईद,होली और क्रिसमस का-
जवाब देंहटाएंदिलों में प्रीत की गागर, सजाने की जरूरत है।।
सुंदर चित्र के साथ शानदार रचना! ईदुल-जुहा की बहुत बहुत मुबारकबाद!