आप आकर मिले नहीं होते। तो शुरू सिलसिले नही होते।। घर में होती चहल-पहल कैसे, शाख पर घोंसले नहीं होते। तो शुरू सिलसिले नही होते।। गर न मिलती नदी समन्दर से, मौज़ के मरहले नही होते। तो शुरू सिलसिले नही होते।। सुख की बारिश अगर नही आती, गुल चमन में खिले नहीं होते।। तो शुरू सिलसिले नही होते।। दिल मे उल्फत अगर नही होती, प्यार के हौंसले नहीं होते।। तो शुरू सिलसिले नही होते।। हुस्न में गर कशिश नही होती, इश्क के काफिले नही होते। तो शुरू सिलसिले नही होते।। |
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शनिवार, 7 नवंबर 2009
"इश्क के काफिले नही होते" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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हुस्न में गर कशिश नही होती,
जवाब देंहटाएंइश्क के काफिले नही होते।
तो शुरू सिलसिले नही होते।।
waah! bahut hi sunder ..........
man moh liya is kavita ne........
शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंसादर वन्दे!
बेहद ही सुन्दर रचना !
रत्नेश त्रिपाठी
दिल मे उल्फत अगर होती,
जवाब देंहटाएंदूर फिर फासले नहीं होते।।
==
बहुत नजदीकी के बाद फासले भी जरूरी हैं.
आपकी रेंज का अनुमान कर पाना कठिन है | हर दिल की बात जानते है आप !
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा रचना !
Waah Waah..
जवाब देंहटाएंbahut khoob ghazal kahte hain aap.
जवाब देंहटाएंaap ko har vidha mein maharat hasil hai.
बहुत लाजवाब शाश्त्री जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
घर में होती चहल-पहल कैसे,
जवाब देंहटाएंशाख पर घोंसले नहीं होते।
तो शुरू सिलसिले नही होते।।
वाह वाह बहुत सूंदर जी
...तो शुरू सिलसिले न होते ..
जवाब देंहटाएंजी सचमुच !
shaandaar ghazal..............
जवाब देंहटाएंhar she'r poori maadakta aur shoushthv liye hue.....
kya baat hai !
badhaai !
आप आकर मिले नहीं होते।
जवाब देंहटाएंतो शुरू सिलसिले नही होते।।
घर में होती चहल-पहल कैसे,
शाख पर घोंसले नहीं होते।
wah..waaah....khoobsurat ghazal
सशब्द -nazm
दिल मे उल्फत अगर होती,
जवाब देंहटाएंप्यार के हौंसले नहीं होते।।
तो शुरू सिलसिले नही होते।।
Shastri ji..behatreen kavita..dhanywaad..
कमाल की पंक्तियां है शास्त्री जी..बहुत सुंदर ..आनंद आ गया .
जवाब देंहटाएंkya baat hai shastri ji..........bahut hi sundar likha hai........aaj to man moh liya.
जवाब देंहटाएंहुस्न में गर कशिश नही होती,
इश्क के काफिले नही होते।
तो शुरू सिलसिले नही होते।।
kya lines hain......waah.
दिल मे उल्फत अगर होती,
जवाब देंहटाएंप्यार के हौंसले नहीं होते।।
तो शुरू सिलसिले नही होते।।
वाह बहुत सुंदर पंक्तियाँ है जो मन मोह लिया! एकदम अलग सा लगा और इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
हुस्न में गर कशिश नही होती,
जवाब देंहटाएंइश्क के काफिले नही होते।
bahut sundar sher shashtree ji !
दिल मे उल्फत अगर नही होती,
जवाब देंहटाएंप्यार के हौंसले नहीं होते।।
सुन्दर रचना वाह वाह