जो भी मन में हो कह जाओ!
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शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009
"द्वार खुले हैं, आ भी जाओ!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
जो भी मन में हो कह जाओ!
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क्षमा-सरलता गुण हैं और हैं मानव के आभूषण भी,
जवाब देंहटाएंवायु करती प्राण-प्रवाहित और जगाती है दूषण भी,
मत देखो पुतले में अवगुण,
जीवन भरने आ भी जाओ!
द्वार खुले हैं, आ भी जाओ!!
बहुत सुंदर पंक्तियाँ......
बहुत अच्छी लगी यह कविता ...
जो भी मन में हो कह जाओ!
जवाब देंहटाएंद्वार खुले हैं, आ भी जाओ!!
आ गया आपके ब्लॉग पर और कविता भी पढ़ी और ये भी कहना पढ़ की बहुत बढ़िया कविता लिखी है आपने..
बधाई
बेहद रोचक और मार्मिक है।
जवाब देंहटाएंबहुत प्रवाहमयी उम्दा गीत...दिल को छू गया!!
जवाब देंहटाएंजो भी मन में हो कह जाओ!
जवाब देंहटाएंद्वार खुले हैं, आ भी जाओ!!
बेहद खूब छंद शास्त्री जी
द्वार खुले हैं आ भी जाओ, अच्छी सात्विक रचना है। नेह निमन्त्रण के बाद भी लोग मन की गांठे नहीं खोलते। न जाने कितने मुखौटे चढ़ाकर घूमते हैं लोग। अच्छी रचना के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंद्वार खुले थे, हम आ गये। अब चूंकि खुले हैं, इसलिए टिप्पणी करके वापस भी जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंद्वार खुले रखने का शुक्रिया।
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अदभुत है मानव शरीर।
गोमुख नहीं रहेगा, तो गंगा कहाँ बचेगी ?
shastri ji
जवाब देंहटाएंsabse pahle to shadi ki 36 vi salgirah ki haradik shubhkamnayein.ye 36 badhkar 63 aur phir 93 then 96 aur phir shatak bane .
HAPPY ANNIVERSARY
kavita to hamesha ki tarah ati uttam.
आदरणीय शास्त्री जी विवाह के ३६ वी वर्षगान्ठ पर मेरी हार्दिक शुभकामना स्वीकार करे, ईश्वर आप दोनो को दीर्घायु दे.
जवाब देंहटाएंआपके सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ .
सुन्दर कविता
सादर
राकेश
आदरणीय शास्त्री जी को वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाइयाँ...!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी विवाह के ३६ वी वर्षगान्ठ पर मेरी हार्दिक शुभकामना स्वीकार करे, ईश्वर आप दोनो को दीर्घायु दे.
जवाब देंहटाएंआभार
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मुम्बई ब्लोगर मीट दिनाक ०६/१२/२००९ साय ३:३० से
नेशनल पार्क बोरीवली मुम्बई के त्रिमुर्तीदिगम्बर जैन टेम्पल
मे होनॆ की सुचना विवेकजी रस्तोगी से प्राप्त हुई...
शुभकामानाऎ
वैसे मै यानी मुम्बई टाईगर इसी नैशनल पार्क मे विचरण करते है.
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जीवन विज्ञान विद्यार्थीयों में व्यवहारिक एवं अभिवृति परिवर्तन सूनिशचित करता है
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ताउ के बारे मे अपने विचार कुछ इस तरह
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ब्लाग चर्चा मुन्नाभाई सर्किट की..
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शास्त्री जी वैवाहिक वर्षगाँठ पर हमारी तरफ़ से हार्दिक बधाइयाँ, बहुत सुंदर रचना,
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई। आज तो दोनों की एक फोटो साथ-साथ लगनी चाहिए थी।
जवाब देंहटाएंजो भी मन में हो कह जाओ!
जवाब देंहटाएंद्वार खुले हैं, आ भी जाओ!!
बहुत ही सुन्दर दिल को छूते शब्द बेहतरीन रचना ।