भ्रमर की गुञ्जार गुन-गुन गान है गाने लगी,
फूलती खेतों में सरसों आम बौराने लगे,
दुःख की बदली छँटी, सूरज उगा विश्वास का,
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फूलती खेतों में सरसों आम बौराने लगे,
जवाब देंहटाएंजुगलबन्दी छेड़कर, प्रेमी युगल गाने लगे,
चहकते प्यारे परिन्दे, दुर्ग की दीवार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति.....
फूलती खेतों में सरसों आम बौराने लगे,
जवाब देंहटाएंजुगलबन्दी छेड़कर, प्रेमी युगल गाने लगे,
चहकते प्यारे परिन्दे, दुर्ग की दीवार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।
और यह सब हो रहा है दिसंबर माह में, यानी अभी पूस भी नहीं लगा, मार्ग्शीस चल रहा है! जो की कुल मिलकर एक शुभ सन्देश नहीं कहा जा सकता ! बहुत सुन्दर शास्त्री जी,
भाई गोदियाल जी नमस्कार!
जवाब देंहटाएंयह तो मुझे भी पता है कि
दिसम्बर मास चल रहा है
और
अभी मार्गशीर्ष चल रहा है
और
पौष भी नही आया है
परन्तु क्या कविता लिखना ही बन्द कर दें?
bahut hi bhaav bheena geet..........
जवाब देंहटाएंaanand aa gaya !
वाह बहुत बढिया .. क्या कहने !!
जवाब देंहटाएंवाह खुबसूरत प्यार भरा गीत.
जवाब देंहटाएंआपकी रचना में भाषा का ऐसा रूप मिलता है कि वह हृदयगम्य हो गई है।
जवाब देंहटाएंदुःख की बदली छँटी, सूरज उगा विश्वास का,
जवाब देंहटाएंजल रहा दीपक दिलों मे स्नेह ले उल्लास का,
ज्वर चढ़ा, पारा बढ़ा है प्यार के संसार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।
शानदार
कितना प्यारा गीत है. गेयता आपकी लेखनी की खासियत है शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, आपके मुह से यही तो उगलवाना चाह रहा था :), बहुत अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंभाव पूर्ण गीत सुन्दर रचना , दिसम्बर में बसंत बहार |
जवाब देंहटाएंलगता का आज का दिन बेहद खूबसूरत जायेगा
दिन की इतनी मीठी शुरुआत जो हुई है |
if someone has to start his/her day with a chilled breezer, this is the one to read.
जवाब देंहटाएंexcellent shastri ji....
बहुत सुन्दर मनमोहक कविता !
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
भ्रमर की गुञ्जार गुन-गुन गान है गाने लगी,
जवाब देंहटाएंतितलियों की फड़फड़ाहट कान में आने लगी,
छा गया है रंग मधुवन में बसन्ती रूप धर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।
bahut hi sundar bhav.........jab bhi aisi dastak ho tabhi samjho basant hai...........bahut hi badhiya geet.
दुःख की बदली छँटी, सूरज उगा विश्वास का,
जवाब देंहटाएंजल रहा दीपक दिलों मे स्नेह ले उल्लास का,
ज्वर चढ़ा, पारा बढ़ा है प्यार के संसार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर ...
बेहतरीन ......... लाजवाब गीत की तरह गाए जाने वाली रचना ..... हर छन्द एक से बढ़ कर एक .........
फूलती खेतों में सरसों आम बौराने लगे,
जवाब देंहटाएंजुगलबन्दी छेड़कर, प्रेमी युगल गाने लगे,
चहकते प्यारे परिन्दे, दुर्ग की दीवार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर ।
बहुत ही अनुपम रचना, आभार ।
कलिजुग है - आम जल्दी बौराने लगे!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावपूर्ण कविता , बधाई !
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