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मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
"कुछ दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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संदेशपरक दोहे
जवाब देंहटाएंप्राणिमात्र कल्याण का, वेदों में सन्देश।
जवाब देंहटाएंजीवन में धारण करो, ये अनुपम उपदेश।।
"कृण्वन्तो विश्वार्यम्"
समयानुसार दोहे हैं. बहुत सुन्दर व सटीक हैं.
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
सुन्दर, सार्थक दोहे.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया दोहे. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंराजनीति है वोट की, खोट, नोट भरमार।
जवाब देंहटाएंपढ़े-लिखों को हाँकते, अनपढ़, ढोल, गवाँर।।
वाह आप ने तो आज को आईना दिखा दिया.
बहुत सुंदर
waah waah..........bahut hi sundar aur sarthak dohe.....sabhi ek se badhkar ek hain...........badhayi
जवाब देंहटाएंगागर में सागर जैसे हैं सभी दोहे।
जवाब देंहटाएं--------------
मानवता के नाम सलीम खान का पत्र।
इतनी आसान पहेली है, इसे तो आप बूझ ही लेंगे।
राजनीति है वोट की, खोट, नोट भरमार।
जवाब देंहटाएंपढ़े-लिखों को हाँकते, अनपढ़, ढोल, गवाँर।।
Ati sundar saamyik saarthak dohe....
बेटी के दुख-दर्द को, समझ न पाते लोग।
जवाब देंहटाएंनारी को वस्तु समझ, लोग रहे हैं भोग।।
सभी दोहे शानदार और समसामयिक. बहुत सुन्दर
दोहे बिल्कुल सामयिक शा्स्त्री करे कमाल।
जवाब देंहटाएंपढ़कर इस संदेश को सुमन हुआ खुशहाल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत सुंदर और संदेशपरक दोहे....
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया दोहे.
जवाब देंहटाएंउत्तम दोहे..अच्छा संदेश!!
जवाब देंहटाएंछिपा खजाना ज्ञान का, पुस्तक हैं अनमोल।
जवाब देंहटाएंइनको कूड़ा समझ कर, रद्दी में मत तोल।...
गहरा संदेश छिपा है इन दोहों में ........... लाजवाब सर .......