दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
निर्धन फिर धनवान बनेंगे, वापिस काला धन आयेगा,
सोनचिरैय्या को उसका, खोया आभूषण मिल जायेगा,
मक्कारी करनेवालों का, हो जायेगा मुँह काला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
जिसने धरती के खनिजों में खायी यहाँ दलाली है,
उन सारे दुष्टों की अब तो शामत आने वाली है,
अब स्वदेश में, नहीं पनपने देंगे कोई घोटाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
जड़-जंगल, उर्वराधरा को, और नहीं बिकने देंगे,
किसी विदेशी साहूकार को, यहाँ नहीं टिकने देंगे,
बख़्सेंगे अब नहीं किसी को, जीजा हो या हो साला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
कई दशक से सोया जन-गण, आज नींद से जागा है,
मुश्किल से कब्जे में आया, गीदड़ आज अभागा है,
गद्दारी करने वालों को, याद दिला देंगे खाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
अबला की नहीं लाज लुटेगी, पावन भू के आँगन में,
फिर से सुन्दर सुमन खिलेंगे, अपने प्यारे उपवन में,
निर्भय होकर विद्यालय में, जायेंगे बालक-बाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
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शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012
"याद दिला देंगे खाला" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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कई दशक से सोया जन-गण, आज नींद से जागा है,
जवाब देंहटाएंमुश्किल से कब्जे में आया, गीदड़ आज अभागा है,
गद्दारी करने वालों को, याद दिला देंगे खाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
बहुत सुन्दर आह्वान …………आज ऐसी ही सोच की जरूरत है
सार्थकता लिये सशक्त लेखन ...आभार
जवाब देंहटाएंजन जन में उत्साह जगाती..
जवाब देंहटाएंbadhiya ....
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी नज़रे-इनायत इसपर भी हो-
रात का सूनापन अपना था
जवाब देंहटाएंजड़-जंगल, उर्वराधरा को, और नहीं बिकने देंगे,
किसी विदेशी साहूकार को, यहाँ नहीं टिकने देंगे,
बख़्सेंगे अब नहीं किसी को, जीजा हो या हो साला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
लालकार भरी है इन स्वरों में ,हुंकारा है आपने ,बिगुल बजाया है जन चेतना का .बधाई
निर्धन फिर धनवान बनेंगे, वापिस काला धन आयेगा,
सोनचिड़ैय्या को उसका, खोया आभूषण मिल जायेगा,
(चिड़िया ,भैया /भैय्या ,भैय्या अशुद्ध रूप है ऐसे ही चिड़िया में ,चिरैय्या गलत हो जाएगा ,चिरैया काफी है .)
बहुत ओजपूर्ण रचना आ रहीं हैं खटीमा से .
31sVirendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ http://veerubhai1947.blogspot.com/ शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012 आखिर इतना मज़बूत सिलिंडर लीक हुआ कैसे ?र 2012 आखिर इतना मज़बूत सिलिंडर लीक हुआ कैसे ?
मुश्किल हालत के विरुद्ध इंकलाबी पोस्ट welcome on my blog |
जवाब देंहटाएंआशा की किरणों से आलोकित करती विचारोत्तेजक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगद्दारी करने वालों को, याद दिला देंगे खाला।
जवाब देंहटाएंइनसे छुटकारा मिल जाय ते सब-कुछ बहुत आसान हो जाय !
एक सार्थक आशावादी सोच को जगाती कविता भगवान् करे वह दिन जल्दी आये सोई जनता जागे और नई राह पर कदम बढाए बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर कविता के लिए शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमुश्किल से कब्जे में आया, गीदड़ आज अभागा है,
जवाब देंहटाएंगद्दारी करने वालों को, याद दिला देंगे खाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।। waah bahut sundar bhaw....
अबला की नहीं लाज लुटेगी, पावन भू के आँगन में,
जवाब देंहटाएंफिर से सुन्दर सुमन खिलेंगे, अपने प्यारे उपवन में,
निर्भय होकर विद्यालय में, जायेंगे बालक-बाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।
बहुत सुन्दर रचना हर पंक्ति एक खूबसूरत सन्देश देती हुई |