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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012
"सपनों की कसक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नींद की REM STAGE (RAPID EYE MOVEMENT) में खाब आते हैं .यह वह अवस्था है जब हम गहन निद्रा में होतें हैं .पुतलियाँ तेज़ दौड़ रही होतीं हैं .कभी देखिए बच्चों को सोते हुए .यह डेढ़ घंटे का चक्र होता है .ख़्वाब प्राय :इसी चक्र के दौरान आतें हैं .उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हैं खाब .अप्राप्य को प्राप्य बना हमारी वासनाओं का शमन कर के चले जाते हैं .दिन में इसीलिए ख़्वाब नहीं आते अकसर क्योंकि ९० मिनिट के इस चक्र से पहले ही हम उठ जातें हैं .दिन में इतना कहां सोते हैं .
जवाब देंहटाएंबढ़िया विश्लेषण ख़्वाबों का ..
ram ram bhai
मुखपृष्ठ
मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012
प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )
नींद की REM STAGE (RAPID EYE MOVEMENT) में खाब आते हैं .यह वह अवस्था है जब हम गहन निद्रा में होतें हैं .पुतलियाँ तेज़ दौड़ रही होतीं हैं .कभी देखिए बच्चों को सोते हुए .यह डेढ़ घंटे का चक्र होता है .ख़्वाब प्राय :इसी चक्र के दौरान आतें हैं .उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हैं खाब .अप्राप्य को प्राप्य बना हमारी वासनाओं का शमन कर के चले जाते हैं .दिन में इसीलिए ख़्वाब नहीं आते अकसर क्योंकि ९० मिनिट के इस चक्र से पहले ही हम उठ जातें हैं .दिन में इतना कहां सोते हैं .
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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012
प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )
नींद की REM STAGE (RAPID EYE MOVEMENT) में खाब आते हैं .यह वह अवस्था है जब हम गहन निद्रा में होतें हैं .पुतलियाँ तेज़ दौड़ रही होतीं हैं .कभी देखिए बच्चों को सोते हुए .यह डेढ़ घंटे का चक्र होता है .ख़्वाब प्राय :इसी चक्र के दौरान आतें हैं .उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हैं खाब .अप्राप्य को प्राप्य बना हमारी वासनाओं का शमन कर के चले जाते हैं .दिन में इसीलिए ख़्वाब नहीं आते अकसर क्योंकि ९० मिनिट के इस चक्र से पहले ही हम उठ जातें हैं .दिन में इतना कहां सोते हैं .
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प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )
नींद की REM STAGE (RAPID EYE MOVEMENT) में खाब आते हैं .यह वह अवस्था है जब हम गहन निद्रा में होतें हैं .पुतलियाँ तेज़ दौड़ रही होतीं हैं .कभी देखिए बच्चों को सोते हुए .यह डेढ़ घंटे का चक्र होता है .ख़्वाब प्राय :इसी चक्र के दौरान आतें हैं .उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हैं खाब .अप्राप्य को प्राप्य बना हमारी वासनाओं का शमन कर के चले जाते हैं .दिन में इसीलिए ख़्वाब नहीं आते अकसर क्योंकि ९० मिनिट के इस चक्र से पहले ही हम उठ जातें हैं .दिन में इतना कहां सोते हैं .
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प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )
खा बेटा कित्ती टिपण्णी खायेगा .पेट से ज्यादा तो खा नहीं सकता .
जवाब देंहटाएंनींद की REM STAGE (RAPID EYE MOVEMENT) में खाब आते हैं .यह वह अवस्था है जब हम गहन निद्रा में होतें हैं .पुतलियाँ तेज़ दौड़ रही होतीं हैं .कभी देखिए बच्चों को सोते हुए .यह डेढ़ घंटे का चक्र होता है .ख़्वाब प्राय :इसी चक्र के दौरान आतें हैं .उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हैं खाब .अप्राप्य को प्राप्य बना हमारी वासनाओं का शमन कर के चले जाते हैं .दिन में इसीलिए ख़्वाब नहीं आते अकसर क्योंकि ९० मिनिट के इस चक्र से पहले ही हम उठ जातें हैं .दिन में इतना कहां सोते हैं .
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प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )
कई बार हम ख्वाब के बारे में सोचते रह जाते हैं कि इसका क्या अर्थ है....पर आपने अपने सपने का सही विश्लेषन किया और डर पर काबू भी पाया.....बढ़िया..
जवाब देंहटाएंसपने पथ प्रदर्शक बन जाते हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति कभी कभी सपने भी मार्गदर्शन देते हैं|
जवाब देंहटाएंजब तक सपने ना हों, तो रास्ता भी नहीं होगा।
जवाब देंहटाएंबढ़िया.....
जवाब देंहटाएंसपनों में कई राज़ छुपे होते हैं......
खुद से मुलाकात हो जाती है सपनों में...
सादर
अनु
उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंकभी कभी सपने भी हकीकत में बदल जाते है ....अपने डर पर काबू पाना ही तो असली जीत है
जवाब देंहटाएंजो डर गया समझो मर गया,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: तेरी फितरत के लोग,
डरके आगे जीत है
जवाब देंहटाएंबलशाली से हर कोई बच कर रहना चाहता है।
जवाब देंहटाएंहर बार शक्तिशाली ही जीतता है |सपने भी कभी कभी कुछ धटित होने की सूचना देते हैं |
जवाब देंहटाएंआशा
सपनों की दुनिया ... बहुत ही अच्छा लिखा है
जवाब देंहटाएंdreams are the reflection of your actions!
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