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फूल रखता नही शूल से दूरियाँ,
जवाब देंहटाएंसाथ रहना है दोनों की मजबूरियाँ,
खार रक्षा करे, गुल लुटाये महक,
सारे सन्ताप खुद ही तो हट जायेंगे।
यही तो सच है……………।बेहद खूबसूरत प्रस्तुति।
बहुत सही कहा शास्त्री जी आपने कि एकता से कदम मिलाकर बढाने से सफ़र आसान हो जाता है। शेख सादी का कहना था,
जवाब देंहटाएं“अगर चिड़ियां एका कर लें तो शेर की खाल खींच सकती हैं।”
एक और सीधी-सादी बिना लाग-लपेट के बात करती सुंदर रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल छंटेंगे...
जवाब देंहटाएंbahot sunder pangtiyan hain.
जवाब देंहटाएंबात करना तसल्ली से मिल-बैठकर,
जवाब देंहटाएंप्यार से सारे मसले निबट जायेंगे।
यही बात तो समझनी है मयंक जी बहुत खूब
nice
जवाब देंहटाएंएकता का सन्देश देती एक खूबसूरत रचना.
जवाब देंहटाएंसाथ और समभाव की प्रेरणा देती पंक्तियाँ....
जवाब देंहटाएंजरुर एक दिन एकता से कदम मिलायेगे सब आप का सपना जरुर पुरा होगा.
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा है आपने
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
कभी यहाँ भी आये
www.deepti09sharma.blogspot.com
सुन्दर कविता. विजयादशमी की सुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंखार रक्षा करे, गुल लुटाये महक,
जवाब देंहटाएंसारे सन्ताप खुद ही तो हट जायेंगे।
सुविचार .. सुन्दर सन्देश देती रचना.
उत्साह का अपरिमित संचार करती कविता।
जवाब देंहटाएंsundar rachna!
जवाब देंहटाएंvijayadashmi ki shubhkamnayen!
regards,
baadal bhi chat jaayenge...bahut sunder aashavadi bhaavo ki sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्र और कविता । पर्व की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबात करना तसल्ली से मिल-बैठकर,
जवाब देंहटाएंप्यार से सारे मसले निबट जायेंगे।
sahi baat hai!