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वाह ! बहुत सुन्दर गीत रचा है कल तो चाँद की सबसे ज्यादा अहमियत होनी है और यही हर दिल की पुकार होगी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुन्दर ....आभार
जवाब देंहटाएं"आज करवाचौथ पर मन में हजारों चाह हैं,
जवाब देंहटाएंसब सुहागिन तक रही केवल तुम्हारी राह हैं,
चाहती हैं सजनियाँ साजन बसे हों पास में।
आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।।"
बहुत हृदयस्पर्शी और सुंदर गीत.. मैं गुनगुना रहा हूँ इसे...
आनन्ददायक गीत।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना, हमारे यहां तो बहुत बादल हे बर्फ़ वारी ओर बरसात के कारण, लेकिन कल के चांद की हम सब को इंतजार हे, हमे भी
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ की शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंchanda mama ji jai!
जवाब देंहटाएंchhanda aur laya se bandhi ek sampoorna kavita ....bahut sundar
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुन्दर ....आभार
जवाब देंहटाएंjai ho !
जवाब देंहटाएंshaandaar geet...........
jai ho !
शास्त्री जी, क्या बात है, गोपियां तो लुट गई हैं कृष्ण के विश्वास में ..... बहुत सुंदर प्रस्तुति। सरस, मन भावन।
जवाब देंहटाएंसमकालीन डोगरी साहित्य के प्रथम महत्वपूर्ण हस्ताक्षर : श्री नरेन्द्र खजुरिया
आज चाँद की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंआपको दीप पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंकल 25/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
वाह !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं