आया राखी का त्यौहार!! हरियाला सावन ले आया, ये पावन उपहार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! जितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में, उससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में, भरा हुआ कच्चे धागों में, भाई-बहन का प्यार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! भाई को जा करके बाँधें, प्यारी-प्यारी राखी, हर बहना की यह ही इच्छा राखी के दिन जागी, उमड़ा है भगिनी के मन में श्रद्धा-प्रेम अपार! अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! खेल-कूदकर जिस अँगने में, बीता प्यारा बचपन, कैसे याद भुलाएँ उसकी, जो मोहक था जीवन, कभी रूठते और कभी करते थे, आपस में मनुहार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! गुज़रे पल की याद दिलाने, आई बहना तेरी, रक्षा करना मेरे भइया, विपदाओं में मेरी, दीर्घ आयु हो हर भाई की, ऐसा वर दे दो दातार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!!आज किसी भी भाई की, ना सूनी रहे कलाई, पहुँचा देना मेरी राखी, अरे डाकिए भाई, बहुत दुआएँ दूँगी तुझको, तेरा मानूँगी उपकार! अमर रहा है अमर रहेगा, राखी का त्यौहार!! आया राखी का त्यौहार!! |
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गुरुवार, 2 अगस्त 2012
"अमर रहेगा राखी का त्यौहार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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raksha bandhan ki hardik shubhkamnaye
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना...रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ अंकल !!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर,प्यारी रचना..
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाये...
:-)
wah.... raksha bandhan ki shubhkamnayen sir!!
जवाब देंहटाएंइरादा मज़बूत हो तो याद दिलाने के लिए राखी का कच्चा धागा भी काफ़ी होता है।
जवाब देंहटाएंराखी के त्यौहार पर सभी बहनों को मुबारकबाद और भाइयों को भी।
बहुत सुंदर राखी गीत.
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी मान्या के लिये लिखे गए गीत से लेकर अब तक आपके कई गीत देखे हैं उनमें लय और माधुर्य दर्शनीय होता है । राखी गीत भी ऐसा ही है ।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंरक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
behtareen prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता..रक्षा बंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाये..
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन पर्व की मुबारकवाद।
जवाब देंहटाएंकल दिन मे पूर्णिमा लगते ही 'भद्रा' भी शुरू थी और आज प्रातः 08-57 पर पूर्णिमा समाप्त होकर प्रतिपदा लग गई किन्तु आज दिन भर लोग 'राखी' का त्योहार मना रहे हैं। इसे बहन-भाई का पर्व बना दिया गया था और अब तो यह बानिज्यिक होकर रह गया है। किन्तु यह था क्या?
जब तक 'वेदिक' सिद्धान्त चलते रहे और उनका स्थान 'पौराणिक' पोंगा-पंथ ने नहीं लिया था तब तक श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से विद्यारंभ होता था। 08 वर्ष की आयु के बालक-बालिकाओं को गुरुकुल पढ़ने भेजने हेतु आज ही के दिन उनका 'जनेऊ' संस्कार होता था। यह 'जनेऊ' ही रक्षा-सूत्र था। इसके तीन धागे तीन प्रकार के दुखों से रक्षा करने की प्रेरणा देते हैं-1-आध्यात्मिक,2-आधिदैविक,3-आधिभौतिक।
जनेऊ के ये तीन धागे 1-माता,2-पिता,3- गुरु का ऋण उतारने के भी प्रेरक थे।
रक्षा सूत्र अर्थात जनेऊ के ये तीन धागे ही 1-अविद्या,2-अन्याय,3-आभाव दूर करने की भी प्रेरणा देते हैं।
लघु शंका आदि के समय कान पर इन धागों को लपेटने से 1-हार्ट,2-हार्निया,3-हाइड्रोसिल (एवं यूटरस) रोगों से भी सुरक्षा करते थे। आज पौराणिक पोंगा-पंथ के चलते इनकी वैज्ञानिकता समाप्त हो गई और यह ढोंग बन कर रह गया।
'जनेऊ' संस्कार स्त्री-पुरुषों का समान रूप से होता था और यह प्रचलन 7 वी शताब्दी तक था जैसा कि 'बाण भट्ट' ने 'कादम्बरी'मे लिखा है "ब्रह्म्सूत्रेण पवित्रीकृतकायाम"। अर्थात महाश्वेता ने जनेऊ पहन रखा है।
पौराणिक पोंगापंथ को धर्म मानने वालों के कारण एक वैज्ञानिक आधार पर 'रक्षा' का पर्व मौज-मस्ती-और अब कारोबारी पर्व बन गया है। कोई समझने और मानने को तैयार नहीं है रोने को सभी तैयार हैं।
सुंदर!
हटाएंबहुत अच्छी जानकारी !
रक्षा बंधन पर्व की बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत...
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की सादर बधाइयाँ...
सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंपर फोटो ज्यादा
सुंदर है !!
जितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में,
जवाब देंहटाएंउससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में,
भरा हुआ कच्चे धागों में, भाई-बहन का प्यार।
बहुत सुंदर भावमयी पंक्तियाँ ...
शुभकामनाएँ !
सादर !
राखी पर सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएं