पनप रहे हैं आज चमन में घूसखोर-शैतान। हमारा भारत देश महान। हमारा भारत देश महान। बने सियासत के फकीर हैं, कामी और व्यभिचारी, अस्मत के भक्षक बन बैठे, सत्ता के अधिकारी, रिश्वत की जंजीरों ने जकड़ा है हिन्दुस्तान। हमारा भारत देश महान। हमारा भारत देश महान। राम राज को चला रहे हैं, रावण, कंस-दुशासन, पुतलों ने कब्जाया अपने भारत का सिंहासन, भोली-भाली जनता होती परेशान-हैरान। हमारा भारत देश महान। हमारा भारत देश महान। जिनका कुछ भी दोष नहीं है, वो हैं कारागारों में, साज़िश रचने वाले बैठे, महलों और आगारों में, ऊँचे दामों में बिकता है, न्याय और ईमान। हमारा भारत देश महान। हमारा भारत देश महान। निर्धनता की चक्की में, निर्धन पिसते जाते हैं, ढोंगी भगत मन्दिरों में, चन्दन घिसते जाते हैं, इन्सानों की बस्ती में, बस गये आज हैवान। हमारा भारत देश महान। हमारा भारत देश महान। |
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मंगलवार, 14 अगस्त 2012
"भारत देश महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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क्षोभ और आक्रोश से भरी सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ !
अत्यंत सुन्दर और यथार्थ रूपरेखा से ओत-प्रोत है, आपकी रचना!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंbahut hi aakrosh se bhari yatharth ko batati hui satic avam shaandaar rachanaa .bahut badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंmere blog par aapka swagat hai jarur padharain/
देश की दुर्दशा पर क्षोभ व्यक्त करती
जवाब देंहटाएंरचना..
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
करारा व्यंग्य ....
जवाब देंहटाएंपूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और आप सब की ओर से ६५ वे स्वतंत्रता दिवस से पहले उषा मेहता जी और उन के खुफिया कांग्रेस रेडियो को याद करते हुये आज की ब्लॉग बुलेटिन लगाई है जिस मे शामिल है आपकी यह पोस्ट भी ...पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंएक अच्छी व्यंग रचना !!
जवाब देंहटाएंबढिया रचना
जवाब देंहटाएंक्या बात है
कटुसत्य उकेरती आपकी ये रचना वाचनीय तो है ही विचारणीय भी है ।
जवाब देंहटाएं65 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई-शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपकी चिंताएं वाजिब हैं .
इस यौमे आज़ादी पर हमने हिंदी पाठकों को फिर से ध्यान दिलाया है.
देखिये-
http://hbfint.blogspot.com/2012/08/65-swtantrta-diwas.html
आशा करनी चाहिये कि ये तस्वीर भी बदलेगी
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है... ज़बरदस्त लिखा है...
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जय हिंद!
देश तो सचमुच महान ही है देश की छबि बिगाडने वाले हम आप जैसे देशवासी ही हैं जो सिर्फ आलोचना करना जानते हैं । हर देश की तरह हमारे यहाँ भी बुरे लोग हैं बुराइयाँ हैं । पर अच्छे लोग भी हैं जो देशके लिये बहुत कुछ कर गए हैं और निस्सन्देह आज भी कर रहे हैं । काश कि हम उनके भी गुण गाएं । स्वतन्त्रता-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंकैसे वरना रह पायेगा, अपना देश महान..
जवाब देंहटाएं