आँसू और पसीने में होती है बहुत रवानी। |
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सोमवार, 5 अप्रैल 2010
“आँसू और पसीना” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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आंसू और पसीने पर बहुत खूबसूरत कविता....
जवाब देंहटाएंक्या खूब। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लगा गीत!
जवाब देंहटाएं--
मेरे मन को भाई : ख़ुशियों की बरसात!
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संपादक : सरस पायस
बढ़िया रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता जी.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आंसू और पसीने पर बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंaansu ke kai rang he jara ger ke dekho to pata chale
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत ही बेहतर कविता ।
जवाब देंहटाएंआभार..।
सुंदर कविता.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बेहद खूबसूरत रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता
जवाब देंहटाएं