Life in a Love A Poem by Robert Browning अनुवादक: डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” |
भुला दो मुझे! छोड़ दो मुझे! .. .. .. .. .. मैं तुम्हें कभी नही भुला पाउँगा! जब तक मैं! मैं हूँ और तुम तुम हो! अमर रहेगा मेरा प्यार! तब तक जब तक रक्खेगा हमें यह संसार! मैं प्यार हूँ और तुम विमुख जिसकी यादों में समाए हैं सुख और दुख यादें तो मजबूरी हैं जिन्दगी में कितनी दूरी हैं प्यार एक गलती है जो सभी के जीवन में चलती है ये भाग्य के समान है कभी समान, कभी असमान है मैं सबसे अच्छा करने पर सफलता से डरता हूँ और असफल होने पर उफ भी नहीं करता हूँ लेकिन तब होता है तन्त्रिकाओं मे तनाव शुष्क हँसी और निराशा के भाव मन कहता है उठो जिन्दगी को फिर से पकड़ लो प्यार को पाश में जकड़ लो दूरियों की परवाह मत करो धूल और अन्धेरों से कभी मत डरो जल्दी मत करो मैंने जो बून्द बोई है आशा की वह एक न एक दिन नया आकार अवश्य लेगी और खुद को चिह्नित करेगी हमेशा…….!! |
Robert Browning (1812 - 1889) |
बहुत खूब शास्त्री जी, बड़े ही मोहक और सुन्दर लफ्जो में आपने अनुवाद प्रस्तुत किया !
जवाब देंहटाएंमैं सबसे अच्छा करने पर
जवाब देंहटाएंसफलता से डरता हूँ
और असफल होने पर
उफ भी नहीं करता
लगता ही नहीं कि यह अनूदित कविता है , बधाई
ख़ूबसूरत और मनमोहक शब्दों से आपने रचना को सुसज्जित किया है! दिल को छू गयी!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत शानदार. निशब्द कर दिया. मनमोहक. अद्भुत.
जवाब देंहटाएंजिन्दगी को
जवाब देंहटाएंफिर से पकड़ लो
प्यार को
पाश में जकड़ लो
दूरियों की परवाह मत करो
बहुत खूबसूरत अनुवाद....बधाई
आपके अनुवाद की सहजता
जवाब देंहटाएंउसे अति महत्त्वपूर्ण बना देती है!
जो बून्द बोई है
जवाब देंहटाएंआशा की
वह एक न एक दिन
नया आकार अवश्य लेगी
आशा का यह निराकार आकार आशा के दीप जला रही है.
बहुत सुन्दर
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंवाह वाह …………बहुत ही शानदार अनुवाद किया है………………रचना पढ्कर भाव विभोर हो गयि हूँ।
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