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जवाब देंहटाएंरोचक यात्रा !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
जय हो आपकी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन तरीके से प्रस्तुत की आपने गुरूकुल की आखिरी यात्रा का विवरण।
जवाब देंहटाएंरोचक वृतांत.
जवाब देंहटाएंha ha ha acha hua aap bhaag aaye warna aap itne mahaan kaise bante jitne aaj hain hum sab ke liye.....
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar prastuti... sundar chitra dekhkar bahut achha laga..
जवाब देंहटाएंवाह बढिया संस्मरण है। पिताजी को गच्चा दे दिया।
जवाब देंहटाएंरोचक वृतांत|
जवाब देंहटाएंमतलब पूरे शैतान थे आप्………………रोचक संस्मरण्।
जवाब देंहटाएंआपका यह कारनामा ताऊ डाट इन पर आपके परिचयनामा मे पढ चुके हैं.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंअब भले ही पढ कर हंसी आती हो पर उस समय कैसी मनस्थिति रही होगी
ऐसी यादें गुदगुदाती रहती हैं ...
जवाब देंहटाएंरोचक संस्मरण। विजयदशमी की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंरोचक संस्मरण। ... आभार
जवाब देंहटाएंविजय पर्व "विजयादशमी" पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनायें
संस्मरण बहुत अच्छा रहा |विजय दशमी पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआशा
आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंविजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक यह पर्व, सभी के जीवन में संपूर्णता लाये, यही प्रार्थना है परमपिता परमेश्वर से।
जवाब देंहटाएंनवीन सी. चतुर्वेदी
अपनी यूनिवर्सिटी भी खुद बनानी चाहिए...लेखक और कवि किसी विद्यालय में नहीं बनाये जाते...
जवाब देंहटाएंaapka sanmaran padhkar apne gurukul ke dino ki yadf aa gayi.
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