देश-वेश-परिवेश में, खुशियाँ हों भरपूर।१। बाधाएँ सब दूर हों, हो आपस में मेल। मन के उपवन में सदा, बढ़े प्रेम की बेल।२। एक मंच पर बैठकर, करें विचार विमर्श। अपने प्यारे देश का, कैसे हो उत्कर्ष।३। मर्यादा के साथ में, खूब मनाएँ हर्ष। बालक,वृद्ध-जवान को, मंगलमय हो वर्ष।४। मित्रों! आज नवसम्वतसर के अवसर पर संस्कार भारती के तत्वावधान में एक कविगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी रमेशचन्द्र अग्रवाल ने की! गोष्ठी में माँ शारदा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वन भी किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ श्री नृसिंह कुँवर जी ने सरस्वती वन्दना से किया। जिसमें तबले पर संगत उनके साढ़े तीन वर्षीय पुत्र ललित (लक्की) ने की। इस अवसर पर गिरीश चन्द्र जी द्वारा कूर्मांचलि गीत प्रस्तुत किया गया! इसके बाद नानकमत्ता से पधारे अवनीश मिश्र जी ने अपने ओजस्वी मुक्त प्रस्तुत किये। रूमानियत के शायर गुरुसहाय भटनागर बदनाम जी ने अपनी गज़लों से समा बाँध दिया! स्थानीय आश्रम पद्धति विद्यालय में अध्यापन कर रहे श्री शिव भगवान मिश्र ने कबीरदास की एक साखी का सस्वर पाठ किया! उर्दू अदब के उस्ताद शायर हामिद हुसैन "हामिद" ने अपनी एक गज़ल का पाठ किया! इस अवसर पर डॉ, राजकिशोर सक्सेना ने अपने कुछ दोहे और कविताओं का पाठ किया। इसके बाद डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" (मेरा) का भी नम्बर आया। मैंने भी इस अवसर पर नव सम्वत्सर के उपलक्ष्य में मैंने 4 दोहे और एक गीत प्रस्तुत किया। खटीमा के हास्य-व्यंग्य के कवि गेन्दालाल शर्मा "निर्जन" ने कुछ अच्छे व्यंग्य प्रस्तुत किये। खटीमा के युवा शायर शहजादा अबसार अहमद सिद्दीकी ने इस अवसर पर अपने मुक्तकों से समा बाँध दिया। थारू राजकीय इ.कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य श्री उदय प्रताप सिंह जी ने नवसम्वत्सर के इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्कार भारती के सम्भाग प्रमुख डॉ.गंगाधर राय ने किया। गोष्ठी में श्रोताओं ने भी सहभागिता की। |
इस बालक की विशेषता रह रही कि गोष्ठी अपराह्न 3-30 बजे शुरू हुई और 5-30 पर समाप्त हुई। इस दो घण्टे की अवधि में यह बालक शान्त भाव से बैठा रहा और वक्ताओं की बातों को बहुत ध्यान से सुनता रहा। |
pratibha ke dhaniis balak ko shubhkamnaye....
जवाब देंहटाएंबालक के उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंअच्छी रिपोर्ट
जवाब देंहटाएंलक्की के उज्ज्वल भविष्य की कामना है
नवसम्वतसर की शुभकामनायें .... अच्छी रिपोर्ट
जवाब देंहटाएंनन्हें बालक को बधाई और शुभकामनायें
तबले की थप-थप हुई, तुमुल ताल तब्दील ।
जवाब देंहटाएंकीर्ति-पताका उड़ चली, गई सैकड़ों मील ।
गई सैकड़ों मील, ढील नर सिंह न देना ।
माटी कोमल गील, ढाल चाहे जस लेना ।
रविकर का आशीष, पाय मंजिल सब अगले ।
बने नागरिक श्रेष्ठ, ध्यान देता रह तब ले ।
amazing..............
जवाब देंहटाएंबालक के उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनायें....नवसम्वतसर की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंनन्हें लक्की को उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंनन्हे बालक को ढेर सारी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर सचित्र विवरण के लिये धन्यवाद। नन्हे कलाकार लकी को शुभकामनायें। सपरिवार आपको नव सम्वत्सर, युगादि की बधाई!
जवाब देंहटाएंएक बेहतरीन कलाकार की प्रारम्भिक झलक दिखाने का आभार..
जवाब देंहटाएंअच्छे कार्यक्रम की अच्छी रपट।
जवाब देंहटाएंमनभावन प्रस्तुति , अद्भुत बालक के साथ -साथ आप सबों को शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंइस ख़ूबसूरत पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंनन्हें लक्की को उज्ज्वल भविष्य के लिये बहुत-बहुत शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंअंकल लक्की को मेरी ओर से ढेर सारी बधाई | उसकी प्रतिभा देखकर तो मुझे उससे मिलाने का मन कर रहा है...
जवाब देंहटाएंअच्छी रिपोर्ट... प्रतिभाशाली अद्भुत बालक को शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंtalented child this is...!!
जवाब देंहटाएं