दिल है शीशे सा नाजुक हमारा प्रिये! ठेस लगते ही यह तो चटक जायेगा। प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे, प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।। फूल सा खिल रहा यह तुम्हारे लिए, दीप सा जल रहा यह तुम्हारे लिए, झूठी तारीफ से यह भटक जायेगा। प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे, प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।। मन जरूरत से ज्यादा सरल है प्रिये, दुर्जनों के लिए ये गरल है प्रिये, नेह के गेह में ये अटक जायेगा। प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे, प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।। मस्त रहता भ्रमर पुष्प की गन्ध में, मन बंधा भावनाओं के सम्बन्ध में, प्यार में यह हलाहल गटक जायेगा। प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे, प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।। |
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सोमवार, 21 मई 2012
"शीशे सा नाजुक दिल" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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वाह क्या रचना है , काश हम भी ऐसा लिख पाते
जवाब देंहटाएंवाह: बहुत सुन्दर...रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
सुन्दर गीत.... सर...
जवाब देंहटाएंसादर.
सुन्दर प्रीत गीत.
जवाब देंहटाएंदिल है शीशे सा नाजुक हमारा प्रिये!
जवाब देंहटाएंठेस लगते ही यह तो चटक जायेगा।
प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे,
प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।।
वाह वाह बहुत ही भावभीनी प्रस्तुति है।
बस प्यार चाहे...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत कविता... प्रेम कविता आपसे बेहतर कोई और नहीं लिख सकता ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंप्राकृतिक उपालाम्भों को क्या कहने
आखिरी दो बंद बहुत खूब सूरत .
जवाब देंहटाएंमन जरूरत से ज्यादा सरल है प्रिये,
दुर्जनों के लिए ये गरल है प्रिये,
नेह के गेह में ये अटक जायेगा।
प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे,
प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।।
कृपया यहाँ भी पधारें -
सोमवार, 21 मई 2012
यह बोम्बे मेरी जान (चौथा भाग )
http://veerubhai1947.blogspot.in/
तेरी आँखों की रिचाओं को पढ़ा है -
उसने ,
यकीन कर ,न कर .
दिल है शीशे सा नाजुक हमारा प्रिये!
जवाब देंहटाएंठेस लगते ही यह तो चटक जायेगा।
kya baat hei shastri ji bahut khub ...
वाह...!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
वाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह ,,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंkyaa baat hai...sundar chitr aur sundar rachna
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंbahut sundar prastuti..
जवाब देंहटाएंdil ka haal sune dilwala ...
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंपधारें ..'गीत बोल उठे' पर
मेरे पिताजी का ब्लॉग..
मस्त रहता भ्रमर पुष्प की गन्ध में,
जवाब देंहटाएंमन बंधा भावनाओं के सम्बन्ध में,
प्यार में यह हलाहल गटक जायेगा।
प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे,
प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।।
Bahut sundar bhaav...bahut sundar rachna...