ढाई
आखर में छिपा, दुनियाभर का मर्म।
प्यार
हमारा कर्म है, प्यार हमारा धर्म।१।
जो
नैसर्गिकरूप से, उमड़े वो है प्यार।
प्यार
नहीं है वासना, ये तो है उपहार।२।
जब
तक जीवित प्यार है, तब तक है संसार।
प्यार
बिना होता नहीं, जग में कोई उदार।३।
जीव-जन्तु
भी जानते, क्या होता है प्यार।
आ
जाते हैं पास में, सुनकर मधुर पुकार।४।
उपवन
सींचो प्यार से, मुस्कायेंगे फूल।
पौधों
को भी चाहिए, नेह-नीर अनुकूल।५।
विरह
तभी है जागता, जब होता है स्नेह।
विरह-मिलन
के मूल में, विद्यमान है नेह।६।
दुनियाभर
में प्यार की, बड़ी अनोखी रीत।
गैरों
को अपना करे, ऐसी होती प्रीत।७।
बन
जाते हैं प्यार से, सारे बिगड़े काम।
प्यार
और अनुराग तो, होता ललित-ललाम।८।
छिपा
हुआ है प्यार में, जीवन का विज्ञान।
प्यार
और मनुहार से, गुरू बाँटता ज्ञान।९।
छोटे
से इस शब्द की, महिमा अपरम्पार।
रोम-रोम
में जो रमा, वो होता है प्यार।१०।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
सोमवार, 24 जून 2013
"प्यार के दस दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
आपकी यह रचना कल मंगलवार (25-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण के "विशेष रचना कोना" पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति . आभार मोदी व् मीडिया -उत्तराखंड त्रासदी से भी बड़ी आपदा
जवाब देंहटाएंआप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
beautiful
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे..
जवाब देंहटाएंएक छोटा-सा शब्द और व्याप्ति कितनी !
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
जवाब देंहटाएंवापस धनबाद आ गया हूँ-
सादर-
उत्क्रुस्त , भावपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें .
चाह हिलग बैराग नहि, चाह बिलग अनुराग ।
जवाब देंहटाएंचाह लाग लगाई है, चाह लगाई लाग ॥
भावार्थ : -- अभिलाषा से परिचित होने से बैराग्य नहीं होता,
अभिलाषा से अपरिचित रहने से अनुराग नहीं होता, यह
अभिलाषा ही है जो अनुराग उपजाति है, और यह अभिलाषा
ही है जो शत्रुता उपजाति है ॥
अर्थात : - सत्ता हो या प्रेम "वस्तु की चाह से ही विषय में आसक्ति होती है"