तितली आई! तितली आई!!
रंग-बिरंगी,
तितली आई।।
कितने सुन्दर पंख तुम्हारे।
आँखों को लगते हैं प्यारे।।
फूलों पर खुश हो मँडलाती।
अपनी धुन में हो इठलाती।।
जब आती बरसात सुहानी।
पुरवा चलती है मस्तानी।।
तब तुम अपनी चाल दिखाती।
लहरा कर उड़ती बलखाती।।
पर जल्दी ही थक जाती हो।
दीवारों पर सुस्ताती हो।।
बच्चों के मन को भाती हो।
इसीलिए पकड़ी जाती हो।।
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शुक्रवार, 28 जून 2013
"तितली आई! तितली आई!! "(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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रंग -बिरंगी तितली आई
जवाब देंहटाएंसब बच्चों के मन को भाई ...........सुन्दर रचना
बहुत रोचक बाल गीत....
जवाब देंहटाएंसुंदर और रोचक गीत, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
तितली पर अच्छी कविताई
जवाब देंहटाएंसचमुच मेरे मन को भाई
बेहतरीन,सुंदर बाल रचना,,,बधाई
जवाब देंहटाएंRECENT POST: ब्लोगिंग के दो वर्ष पूरे,
गूगल प्लस से...
जवाब देंहटाएंAlbela Khtari
बीते कल 8:50 pm
1
jawab nahin aapka .........
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
बीते कल 9:01 pm
आभार खत्री जी आपका...!
Albela Khtari
बीते कल 9:31 pm
mera farz tha prabhu.............
प्यारी तितली, रंग बिरंगी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर वर्णन-
जवाब देंहटाएंआभार गुरुवर-
अति सुंदर बाल रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएं