लम्बे-लम्बे कानों वाला। मेरा कुत्ता बड़ा निराला।।
नही किसी से यह डरता है।।
सब कहते हैं इसको टाम।।
सेव, टमाटर चट कर जाता।।
भौं-भौं कर आवाज लगाता।।
घर भर का यह राज-दुलारा।। |
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रविवार, 21 जून 2009
‘‘मेरा कुत्ता बड़ा निराला’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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दोनों बहुत प्यारे है... "कविता और टाम"
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर टाम है...
जवाब देंहटाएंsundar kavita
जवाब देंहटाएंभाग्यशाली है, टाम, जिसपर कविता लिखी गई..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.