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kya khoob bakhan kiya hai amaltas ke saundarya ka.
जवाब देंहटाएंगर्मियों में जब चारों ओर जल संकट को लेकर त्राहि-त्राहि मची होती है, तब अमलतास और गुलमोहर दोनों को ही बेहिसाब फलता-फूलता देख कर सुखद आश्चर्य होता है.सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदरतम रचना बधाई.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सचमुच आपने तपती लू में भी कितना कोमल पल खुज लिया है............ अमलतास ऐसे ही खिलता रहता है
जवाब देंहटाएंख़ुशबू में रची बसी रचना
जवाब देंहटाएं---
गुलाबी कोंपलें
तपती गरमी में तुमने, अपना सौन्दर्य निखारा है।
जवाब देंहटाएंकिसके इन्तजार में तुमने, अपना रूप संवारा है।।
दूर गगन से सूरज, यह सुन्दरता झाँक रहा है।
बिना पलक झपकाये, इन फूलों को ताक रहा है।।
बड़े भाई ,
बहुत ही सुन्दर कविता रची है आपने . बधाई!!