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शनिवार, 27 जून 2009
‘‘गुटका फाँक रहे हैं’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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satya kahA.
जवाब देंहटाएंसत्य वचन
जवाब देंहटाएंbahut umda !
जवाब देंहटाएंbahut achha !
______________waah !
______________kya baat hai !
टूटी चारपाई - बहुत ही अच्छा प्रयोग। पुराने जमाने में दरवाजे पर टूटी चारपाई दरिद्रता का सूचक मानी जाती थी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंसत्यवचन
जवाब देंहटाएं----
मिलिए अखरोट खाने वाले डायनासोर से
aaj ke halat ko bakhubi darshaya hai.........aaj ke yatharth ko shabdon mein achcha bandha hai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ढंग से आप ने आज के हालात पर लिखा.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
वाह वाह...
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सही.
जवाब देंहटाएं