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अब हरियाली छा जाएगी,आस लगाए है,
जवाब देंहटाएंझूम-झूम कर नाचो-गाओ, बादल आये हैं।।
कई दिनो से प्यास जगी थी,प्यास बुझाए है,
झूम-झूम कर नाचो-गाओ, बादल आये हैं।।
सुंदर सुंदर कविताओं से भाव जगाएँ है,
मुझे तो लगता,इस बदल को आप बुलाएँ है,
झूम-झूम कर नाचो-गाओ, बादल आये हैं।।
विनोद कुमार पांडेय जी।
जवाब देंहटाएं"अब हरियाली छा जाएगी,आस लगाए है,"
यह पंक्ति सुझाने के लिए आपका आभार।
बहुत सुंदर कविता .. सचमुच नाचने गाने की बारी आ गयी है .. आसमान में बादल आ चुके हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, शायद ्मेघ राज आप की कविता पढ कर मेहरबान हो जाये,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर कविता.
धन्यवाद
khoob barsaaya ras ka baadal aapne...
जवाब देंहटाएंanand aa gaya.
dhnyavaad !
बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंsundar गीत varshaa raani के स्वागत में............. badhaai shaashtri जी
जवाब देंहटाएंकविता पढ़कर गर्मी से थोड़ी राहत महसूस हुई
जवाब देंहटाएं---
चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें