“गज़ल”
सितारों के बिना सूना गगन है। बहारों के बिना सूना चमन है।। भजन-पूजन, कथा और कीर्तन हैं, सुधा के बिन अधूरा आचमन है। बहारों के बिना सूना चमन है।। नजारे हैं, नजाकत है, नफासत है, अधूरा नेह बिन चैनो-अमन है। बहारों के बिना सूना चमन है।। सफर में साथ कब देते मुसाफिर, अकेले ही सभी करते गमन हैं। बहारों के बिना सूना चमन है।। लुभाते रंग वाले वस्त्र सबको, मेरी तकदीर में सादा कफन है। बहारों के बिना सूना चमन है।। बना वर्चस्व सागर का तभी तक, जहाँ में जब तलक गंगो-जमुन हैं। बहारों के बिना सूना चमन है।। |
सफर में साथ कब देते मुसाफिर,
जवाब देंहटाएंअकेले ही सभी करते गमन हैं।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं !!
नजारे हैं, नजाकत है, नफासत है,
जवाब देंहटाएंअधूरा नेह बिन चैनो-अमन है।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
सफर में साथ कब देते मुसाफिर,
अकेले ही सभी करते गमन हैं।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
बहुत ही सुन्दर शास्त्री जी , लाजबाब !
जहाँ में जब तलक गंगो-जमुन हैं।
जवाब देंहटाएंबहारों के बिना सूना चमन है.nice
सच कहती है आपकी रचना-
जवाब देंहटाएंबहारों के बिना सूना चमन है ।
अच्छी रचना । आभार
सफर में साथ कब देते मुसाफिर,
जवाब देंहटाएंअकेले ही सभी करते गमन हैं।
यथार्थ ...
बना वर्चस्व सागर का तभी तक,
जहाँ में जब तलक गंगो-जमुन हैं।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
खूबसूरत अभिव्यक्ति....
बहुत लाजवाब जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
नजारे हैं, नजाकत है, नफासत है,
जवाब देंहटाएंअधूरा नेह बिन चैनो-अमन है।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
kya kahein...
kitna sundar to aap likh dete hain...
lekin ham tareef hi nahi kar paate..
laajwaab..
बहुत उम्दा रचना. वाह वाह.
जवाब देंहटाएंनजारे हैं, नजाकत है, नफासत है,
जवाब देंहटाएंअधूरा नेह बिन चैनो-अमन है।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
बहुत सुंदर जी.
धन्यवाद
सफर में साथ कब देते मुसाफिर,
जवाब देंहटाएंअकेले ही सभी करते गमन हैं।
बहारों के बिना सूना चमन है।।
वाह बहुत बढ़िया! बेहद सुन्दर पंक्तियाँ! उम्दा रचना!
सुन्दर गजल।
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