मन की वीणा को निद्रा में, अभिनव तार सजाने दो! सपनों को मत रोको! उनको सहज-भाव से आने दो!! स्वप्न अगर मर गये, जिन्दगी टूट जायेगी, स्वप्न अगर झर गये, बन्दगी रूठ जायेगी, मजबूती से इनको पकड़ो, कभी दूर मत जाने दो! सपनो को मत रोको! उनको सहज-भाव से आने दो!! सपना इक ऐसा पाखी है, पर जिसके हैं टूट गये, क्षितिज उड़ानों के मन्सूबे, उससे सारे रूठ गये, पल-दो-पल को ही उसको, दम लेने दो, सुस्ताने दो! सपनो को मत रोको! उनको सहज-भाव से आने दो!! जीवन तो बंजर धरती है, बर्फ यहाँ पर रुकी हुई, मत ढूँढो इसमें हरियाली, यहाँ फसल नही उगी हुई, बर्फ छँटेगा, भरम हटेगा. गर्म हवा को आने दो! सपनो को मत रोको! उनको सहज-भाव से आने दो!! |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
बुधवार, 31 मार्च 2010
“सपनों को मत रोको!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
सपनों को मत रोको!
जवाब देंहटाएंउनको सहज-भाव से आने दो
nice..........................
बहुत उम्दा गीत!!
जवाब देंहटाएंस्वप्न अगर मर गये,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी टूट जायेगी,
जिन्दगी स्वप्नो की बागडोर के सहारे ही तो आगे बढती है.
सुन्दर गीत
बहुत लाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मन की वीणा को निद्रा में,
जवाब देंहटाएंअभिनव तार सजाने दो!
सपनों को मत रोको!
उनको सहज-भाव से आने दो!!
सपनो पर बहुत खूबसूरत कविता....मन आनंदित हो गया....बधाई
स्वप्न अगर मर गये,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी टूट जायेगी,
स्वप्न अगर झर गये,
बन्दगी रूठ जायेगी,
मजबूती से इनको पकड़ो,
कभी दूर मत जाने दो!
वाह वाह बहुत खूब! लाजवाब!
kya khoob keha sir :)
जवाब देंहटाएंठीक है, क्योंकि सपने भी आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं.
जवाब देंहटाएंस्वप्न अगर मर गये,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी टूट जायेगी,
स्वप्न अगर झर गये,
बन्दगी रूठ जायेगी,
इतना सुन्दर गीत सिर्फ़ आप ही लिख सकते हैं………॥बेहद खूबसूरत्।
मन की वीणा को निद्रा में,
जवाब देंहटाएंअभिनव तार सजाने दो!
सपनों को मत रोको!
उनको सहज-भाव से आने दो!!
...............लाजवाब,सुन्दर.
मन की वीणा को निद्रा में,
जवाब देंहटाएंअभिनव तार सजाने दो!
सपनों को मत रोको,
उनको सहज-भाव से आने दो!
--
आपके कुछ गीतों की शुरूआत अद्वितीय होती है!
स्वप्न अगर मर गये,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी टूट जायेगी,
स्वप्न अगर झर गये,
बन्दगी रूठ जायेगी,
bahut sundar geet ..laajwaab..!!
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएं