कायदे से धूप अब खिलने लगी है। लेखनी को ऊर्जा मिलने लगी है।। दे रहा मधुमास दस्तक, शीत भी जाने लगा, भ्रमर उपवन में मधुर संगीत भी गाने लगा, चटककर कलियाँ सभी खिलने लगी हैं। लेखनी को ऊर्जा मिलने लगी है।। कल तलक कुहरा घना था, आज बादल छा गये, सींचने आँचल धरा का, धुंध धोने आ गये, पादपों पर हरितिमा खिलने लगी है। लेखनी को ऊर्जा मिलने लगी है।। सब पुरातन पात पेड़ों से, स्वयं झड़ने लगे हैं, बीनकर तिनके परिन्दे, नीड़ को गढ़ने लगे हैं, |
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शनिवार, 15 जनवरी 2011
"धूप अब खिलने लगी है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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नई धूप हम सबके जीवन में नई ऊर्जा भरे।
जवाब देंहटाएंवाकई यह धूप जन-जीवन को नई उर्जा दे रही है । उंगलियां व्यवस्थित चलने लगी हैं.
जवाब देंहटाएंलेखनी को भी उर्जा मिलने लगी है.
bahut pyari rachna
जवाब देंहटाएंयह धूप नवजीवन के नवागमन की भी परिचायक है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना आज तो सचमुच अच्छी धूप खिली है।
जवाब देंहटाएंइस नव उर्जा को क्षय होने से बचाना भी है. बहुत सुन्दर कोमल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंऊर्जा मिलने लगी है!
जवाब देंहटाएंधूप अब खिलने लगी है!
--
गेयता से परिपूर्ण मनरंजक गीत!
ऊर्जा मिलने लगी है!
जवाब देंहटाएंधूप अब खिलने लगी है!
--
गेयता से परिपूर्ण मनरंजक गीत!
सूर्य का भी संक्रमण प्रारम्भ हो गया है।
जवाब देंहटाएंआदरणीय चाचाश्री डॉ.रूपचन्द्र जी शास्त्री "मयंक"
जवाब देंहटाएंप्रणाम !
प्रथमतः आपकी पुस्तकों के प्रकाशन पर हार्दिक बधाइयां !
फिर …
आपके वहां आयोजित साहित्यिक-ब्लॉगर सम्मेलन के सफल आयोजन की बधाइयां !
और,
धूप अब खिलने लगी है गीत की तो बात ही क्या ! पूरा गीत लय में है । सच कहूं तो बसंत का आभास होने लगा …
आपके शब्द कभी किसी वाह वाह की मुहर के मोहताज नहीं होते ।
मैं तो नए छंदसाधकों से कहूंगा - किसी को प्रेरणा लेनी है तो आपके गीतों से ले ।
>~*~ हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंऊर्जा मिलने लगी है!
जवाब देंहटाएंधूप अब खिलने लगी है!
बहुत ही सुन्दर.
सच मे बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (17/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
बहुत ऊर्जा प्रदान करती रचना |बधाई नई पुस्तकों के लिये |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर और प्यारा गीत है.
जवाब देंहटाएंbhut khoobsurat rachna....kehne ko shabd nahi hai....aabhar
जवाब देंहटाएंdhoop to aajkal dilli mein bhi khili khili chhayee hai!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्द चित्र..आभार
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