जहाँ-तहाँ मिल जायेंगे, चुगलखोर इन्सान। जालजगत इनके लिए, सबसे है आसान।। चैटबॉक्स को खोल लो, लिक्खो अपनी बात। चुगली करके भेज दो, निज मन की सौगात।। यदि इससे भी ना मिले, मन को चैन-सुकून। भेजो जल्दी मेल से, लिख करके मजमून।। चाहे जिसकी खोल दो, दबी-ढकी सब पोल। चुगली करने के लिए, जालजगत अनमोल।। लिखो व्यंग या चुटकुले, या लिक्खो आलेख। घोटालों के खेल का, कर दो सब उल्लेख।। |
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गुरुवार, 3 नवंबर 2011
"दोहे-चुगलखोर इन्सान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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हा हा हा हा यह भी खूब कही आपने :)
जवाब देंहटाएं"यदि इससे भी ना मिले, मन को चैन-सुकून।
जवाब देंहटाएंभेजो जल्दी मेल से, लिख करके मजमून।।"
क्या खूब कहा आपने....!!
आधुनिक जगत कि सारी सुविधाएं यहाँ मौजूद हैं....!
चुगली करने वाले मेल,चैट,लेख,आलेख के साथ-साथ फोन ऑफ़ फ्रेंड्स भी इस्तेमाल करते हैं...!!
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा, वाह।
जवाब देंहटाएंaadarniy sir
जवाब देंहटाएंbilkul solah aane sahi baat likhi hai aapne.padh kar maja aa gaya.
hardik badhai
sadar naman ke saath
poonam
अपनी अपनी रूचि के हिसाब से अपनी बात कहने के लिए जगह तो हर किसी को मिल ही जाती है !!
जवाब देंहटाएंhahahaha bahut khoob maza aa gaya
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक...मज़ा आ गया..आभार
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी..
जवाब देंहटाएंआपके दोहे पढकर मै गदगद हो गया...
बहुत सुंदर लगी आपकी ये हास्य रचना ...
मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है ...
सारे रसों में सबसे ऊपर है...निन्दारस...और निंदक को कहाँ रखना चाहिए...ये बहुत पहले समझाया जा चुका है...
जवाब देंहटाएंवाह।शास्त्री जी..दोहे बहुत रोचक और मजेदार हैं...
जवाब देंहटाएंvaah..maja aa gaya chugalkhor dohe padhkar...hahaha..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया.....
जवाब देंहटाएंये लोंग कही भी मिल जाते हैं ...
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य!
this is very nice
जवाब देंहटाएं:)) वाह वाह... क्या खूब दोहे...
जवाब देंहटाएंसादर...
एक बार ऐसा हो जाये फिर देखिये क्या तांडव मचेगा यहाँ सारे ब्लोग्स बंद हो जायेंगे……………हा हा हा………सारे कच्चे चिट्ठे सबके उधड जायेंगे।
जवाब देंहटाएंशानदार और सच्ची बात लिखी आपने।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंओह! क्या पोल खोली है आपने चुगलखोरों की.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
बहुत बढिया प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंखूब कही ...
जवाब देंहटाएंसच है ऐसे लोगों के लिए ब्लाग सबसे उत्तम साधन है।
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंमजेदार दोहे...चुगलखोर...हा हा हा
जवाब देंहटाएंवाह! ह्रदय को आनन्दित करते दोहे!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहे!
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य!
जवाब देंहटाएं