प्रेम-प्रीत के रंग ले,
आया है ऋतुराज।
मना रहा है प्रणय दिन,
होकर मस्त समाज।१।
चोंच कपोत लड़ा
रहे, करते दिल की
बात।
यापन करते
रहेंगे, जन्म-ज़िन्दगी
साथ।२।
शाखाओं पर आ
गये, नवपल्लव
परिधान।
मौसम है मधुमास
का, पंछी गाते
गान।३।
फूलों-कलियों पर चढ़ा,
अब उपवन में रंग।
वासन्ती परिधान के,
बड़े निराले ढंग।४।
सेमल पर छाये सुमन,
वन में खिला पलाश।
सूरज देता ऊर्जा,
निर्मल है आकाश।५।
|
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बुधवार, 13 फ़रवरी 2013
"आया है ऋतुराज" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मधुमास का सुन्दर वर्णन !
जवाब देंहटाएंऋतुराज वसंत की मन भावन वर्णनसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंLatest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
बहुत प्यारी...मनभावन प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
सुंदर कविता..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अफज़ल गुरु आतंकवादी था कश्मीरी या कोई और नहीं ..... आप भी जाने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग
जवाब देंहटाएंमधुमास का सुन्दर वर्णन, बहुत प्यारी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमधुमास का बहुत ही सुन्दर चित्रण,मधुमास में तो सभी झुम उठते हैं,सादर आभार आपका।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय | |
मनभावन !
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी के दिन हमेशा... बचपन में वो पीले कपड़े पहनना बहुत याद है... और वो बेर का प्रसाद भी .. :))
~सादर!!!
bahut sunder......
जवाब देंहटाएंफूलों-कलियों पर चढ़ा, अब उपवन में रंग।
जवाब देंहटाएंवासन्ती परिधान के, बड़े निराले ढंग !!
सुन्दर सुन्दर बसंत.....!
तरु-पल्लव में झूमता
जवाब देंहटाएंआया-आया बसंत ...
बहुत सुंदर रचना
साभार
अति सुंदर ....मनमोहक रचना
जवाब देंहटाएंवसंत ऋतु का बड़ा मनमोहक शब्द चित्र खींचा है आपने रचना में ! बहुत अनुपम अभिव्यक्ति ! बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें !
जवाब देंहटाएंएक मस्ती भरी बहार आयी..
जवाब देंहटाएंबसन्त पंचमी की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं