बन्द ना हो जायें माँ के द्वार!
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बुधवार, 20 जनवरी 2010
""शारदे जग का करो उद्धार!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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आपको बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्दों के साथ ....सुंदर कविता....
जवाब देंहटाएंआपको बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
मेरा भी नमन.
जवाब देंहटाएंmaa ko hardik abhinandan..........maa ki bahut hi sundar vandana ki hai............shukriya.
जवाब देंहटाएंmaa tam ko door karo
jevan roshan kar do
mere hridyangan mein
apni jyoti bhar do
aapko bhi bahut bahut wadhayi hove ji...
जवाब देंहटाएंविश्व से अज्ञान, जड़ता दूर हो,
जवाब देंहटाएंमन्दिरों में रौशनी भरपूर हो,
शारदे जग का करो उद्धार!
वन्दना करता हूँ मैं शत् बार!!
आपको वसंत पंचमी की शुभकामनाये !
आपको और आपके परिवार को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
आपको वसंत पंचमी की शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआपकी ये रचना पढ कर अपने मिडिल स्कूल में किये जानेवाला प्रार्थना याद आ गया ...
मां शारदे! कहां तू वीणा बजा रही है!
किस मंजु गान से तू जग को लुभा रही है!
सुन्दर गीत. बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर वंदना!
जवाब देंहटाएं--
"सरस्वती माता का सबको वरदान मिले,
वासंती फूलों-सा सबका मन आज खिले!
खिलकर सब मुस्काएँ, सब सबके मन भाएँ!"
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क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
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संपादक : सरस पायस
"सुंदर कविता....सुंदर शब्दों के साथ "
जवाब देंहटाएंआपको बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
हमारा भी नमन, बसंत पंचमी की शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, आपको भी मदनोत्सव की शुभकामनाऎँ!!!!!
जवाब देंहटाएं