बेमौसम आँधी चलें, दुनिया है बेहाल । गीतों के दिन लद गये,गायब सुर और ताल ।। नानक, सूर, कबीर के , छन्द हो गये दूर । कर्णभेद संगीत का , युग है अब भरपूर । । रामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहास । केवल इनके नाम का, राजनीति में वास । । पानी अमृत तुल्य है, पानी सुख का सार । जल जीवन को लीलता, जल जीवन आधार ।। |
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बुधवार, 21 जुलाई 2010
“कुछ दोहे” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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शास्त्री जी समाज से जुड़े हुए बातों पर आधारित बेहतरीन दोहे...बधाई
जवाब देंहटाएंरामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहास ।
जवाब देंहटाएंकेवल इनके नाम का, राजनीति में वास ।
बहुत ही अच्छी बात ये राजनीती करने वाले आज के भ्रष्ट नेता और शरद पवार जैसे मंत्री राम को भी खुले आम ठगते है तो गरीब जनता का खून तो पियेंगे ही ,अब तो फिर से राम अवतार की प्रतीक्षा है ....
रामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहास ।
जवाब देंहटाएंकेवल इनके नाम का, राजनीति में वास ।
बहुत सुन्दर दोहे शास्त्री जी!
सारे ही दोहे बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंदोहे में ही मौज है, दोहा रस की खान
शब्द-शब्द में सोच है, छंदों की है जान।
aaj ke yug ke dohe...
जवाब देंहटाएंacha hai!
अछन्दीय आँधी में आपके गीत शीतल मन्द बयार हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे...बधाई
जवाब देंहटाएंआज के युग में छन्दबद्ध रचना का सृजन करने का आपका प्रयास सराहनीय है!
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे!
wah sir :)
जवाब देंहटाएंपानी अमृत तुल्य है, पानी सुख का सार ।
जवाब देंहटाएंजल जीवन को लीलता, जल जीवन आधार ।
सारे दोहे कुछ ना कुछ विसंगतियों को कह रहे हैं...सुन्दर अभिव्यक्ति
रामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहास ।
जवाब देंहटाएंकेवल इनके नाम का, राजनीति में वास । ।
..saargarbhit dohon ke liye aabhar
सभी दोहे एक से बढकर एक हैं………………बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंदोहों के रूप में जीवनानुभव प्रकट हो रहा है, बधाई।
जवाब देंहटाएं………….
संसार की सबसे सुंदर आँखें।
बड़े-बड़े ब्लॉगर छक गये इस बार।
Badi...Achhi kavita likhi hai sir aapne . Padhkar bahut kuchh seekhne ko mila.
जवाब देंहटाएंयुग है अब भरपूर,
जवाब देंहटाएंटीन-कनस्तर पीटते ये सुर-ताल से दूर।
बहुत सुन्दर दोहे शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंkya baat hai !
जवाब देंहटाएंwah waah waaaaaah !
सारे ही दोहे बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसामाजिक दोहे हैं ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन दोहे...बधाई!
जवाब देंहटाएंसभी दोहे एक से बढ़कर एक हैं, किसी की एक की तारीफ करना तो मुश्किल है, आभार ।
जवाब देंहटाएं